इंदौर नगर निगम ने रिमूवल टीम को पहनाई सेना जैसी वर्दी
इंदौर में छिड़ी बहस, हो रही आलोचना
इंदौर
देश के सबसे स्वच्छ शहर मप्र के इंदौर की नगर निगम ने रिमूवल टीम (अतिक्रमण निरोधी दस्ता) को सेना जैसी वर्दी पहना दी है, जिसके बाद एक नई बहस ने जन्म ले लिया है। सोशल मीडिया पर सेना की वर्दी रिमूवल दस्ते को देने की आलोचना होने लगी है। उधर निगम प्रशासन का कहना है कि इससे सड़कों पर निगम केअतिक्रमण निरोधी दस्ते से आए दिन होने वाले विवाद की स्थिति थमेगी तो उधर कांग्रेस ने भी आपत्ति दर्ज कराते हुए इसे सेना का अपमान बताया है।
दरअसल इंदौर की नगर निगम की रिमूवल टीम को गुस्से में लोग पीली गैंग भी कहते हैं। इस गैंग पर कई बार आरोप लगे हैं कि यह सड़क पर ठेला लगाने वालों का समान उठा कर फेंक देती है। कई बार अवैध वसूली के आरोप भी सामने आए हैं। रेहड़ी वालों में इस गैंग का बहुत आतंक है। ऐसे में इस अतिक्रमण निरोधी दस्ते की कार्य प्रणाली को सुधारने के बजाय इन्हें सेना की वर्दी जैसी ताकत से लाद देने को लेकर आलोचना हो रही है। बुद्धिजीवियों का कहना है कि सेना की वर्दी से रक्षा का भाव आता है, निगम कर्मचारियों को वर्दी के वजाय सॉफ्ट स्किल्स की ट्रेनिंग देना चाहिए।
सेना की शान के खिलाफ है – मोहिते
इंदौर के समग्र विकास व विचार के संवाद सेतु के रूप में ख्यात अभ्यास मंडल के पदाधिकारी शिवाजी मोहिते ने कहा कि यह कृत्य सेना की शान के खिलाफ है। सेना के प्रति एक सम्मान का भाव होता है। सेना के तप, तपस्या का कोई मुक़ाबला और तुलना नहीं है। सेना की वर्दी किसी को भी पहना देना उचित नहीं है। यदि आपको (निगम) कोई वर्दी ही देना है तो कोई नया ड्रेस कोड उन्हें दे सकते हैं लेकिन किसी की भी वर्दी किसी को भी पहनाना न्यायोचित नहीं है।
रिमूवल गैंग को ट्रेनिंग की जरूरत – रईसा अंसारी
कोविड काल में इस पीली गैंग के आतंक की पीड़िता मालवा मिल पर फल का ठेला लगाने वाली उच्च शिक्षित रईसा अंसारी कहती हैं कि रिमूवल गैंग के वर्दी पहनने से उनमें डिग्निटी का भाव आया है। उन्हें अब अपनी जिम्मेदारी का बोध हो सकता है। रही बात उनके आक्रामक स्वभाव की तो उन्हें ट्रेनिंग देनी होगी कि कैसे नागरिकों से, हाथ ठेला वालों से, रेहड़ी वालों से बर्ताव किया जाए।
उल्लेखनीय है रईसा अंसारी आज से चार साल पहले कोविड काल में उस वक्त चर्चा में आईं थीं जब रिमूवल गैंग इनका और इनके जैसे अन्य लोगों का ठेला हटाने को लेकर कार्यवाही कर रहा था। तब रईसा अंसारी का फर्राटेदार अङ्ग्रेज़ी में इस गैंग से उलझते हुए वीडियो वायरल हुआ था।
सोशल मीडिया व्हाट्सएप के विभिन्न मीडिया ग्रुप्स में ये आ रहे संदेश—
–अब पीली गैंग का आतंक और बढ़ेगा।
–जो सेना रक्षा की भावना पैदा करती है, उसकी वर्दी पहना दी निगमकर्मियों को।
-सेना की वर्दी पहनकर रिमूवल गैंग गुटखा-तंबाकू खाएगी तो अच्छा लगेगा क्या ?
–नियमानुसार सिवेलियन नहीं पहन सकते सेना की वर्दी।
–डराने के लिए नगर निगम का नया प्रयोग।
–पहले ही पीली गैंग के आतंक से त्रस्त है लोग।
–कोई और वर्दी पहनाते तो अच्छा रहता।
कांग्रेस ने गृह मंत्रालय को की शिकायत
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राकेश सिंह यादव ने कहा कि उन्होने गृह मंत्रालय को शिकायत भेजी है। यह सेना का अपमान है। निगम सेवा का केंद्र होता है, यहाँ सेना की वर्दी में क्या आम आदमी को डराना चाहते हैं ? यादव ने चुटकी लेते हुए कहा कि क्या अब इन्हें खिलौने वाली बंदूक भी देंगे क्या ? इस खौफ के वातावरण से आम आदमी निगम कैसे जाएगा ? अधिकारी आते-जाते हैं लेकिन अपने उलूल-जुलूल फैसलों से जनता को इस तरह से परेशान नहीं किया जाना चाहिए।
यह ड्रेस कोड अनुशासन के लिए किया गया अच्छा प्रयास – महापौर
इंदौर नगर निगम महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि रिमूवल टीम को वर्दी पहनाने से उनमें अनुशासन और एकरूपता रहेगी। इस यूनिफ़ोर्म में पट्टिका लगा देंगे तो उसका प्रभाव लोगों के बीच बढ़ेगा।
“सेना की वर्दी जैसे कपड़े कोई भी पहन सकता है जब तक उसमें सेना का लोगो/प्रतीक चिन्ह न लगा हो।“
एन एल तिवारी
वरिष्ठ अधिवक्ता, हाईकोर्ट, मप्र