INDORE VARTA/NEWSO2/ 08 FEB 2025 : (9826055574) भोपाल में आयोजित होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर समिट 2025 की तैयारियों के तहत आज इंदौर में उद्योग संवाद का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में स्थानीय उद्योगपतियों ने अपनी शंकाएँ, सुझाव और सुधार संबंधी मुद्दे उठाए। विभिन्न क्षेत्रों के उद्यमियों ने राज्य की औद्योगिक नीतियों, अधोसंरचना और निवेश संबंधी अवसरों पर अपने विचार साझा किए। कार्यक्रम में प्रशासनिक अधिकारियों ने भी उद्योगपतियों की समस्याओं को सुना और समाधान के लिए आश्वासन दिया।

किसने क्या कहा?

आयशर ट्रक्स के वरिष्ठ अधिकारी संजय शाह ने कहा,

  • 8,000 करोड़ रुपये के निवेश के साथ हमारी 8 इकाइयाँ चार जिलों – धार, देवास, भोपाल और उज्जैन में हैं।
  • राज्य की उद्योग नीति में Commercial Vehicles के लिए रिसर्च और डेवलपमेंट (R&D) को फ़िस्कल बेनिफ़िट (FISCAL BENEFITS) का प्रावधान नहीं है। 
  • उन्होंने आग्रह किया कि यदि इंदौर में उन्हें 25 से 30 एकड़ भूमि उपलब्ध कराई जाए और आवश्यक फ़िस्कल बेनिफ़िट दिए जाएं, तो कंपनी यहां विश्वस्तरीय आर एंड डी यूनिट स्थापित करने के लिए पूरी तरह तैयार है।

क्या होता है फिस्कल बेनिफिट्स ?
फिस्कल बेनिफिट्स (Fiscal Benefits) से तात्पर्य सरकारी नीतियों या योजनाओं के माध्यम से मिलने वाले आर्थिक लाभों से होता है। यह लाभ आमतौर पर कर में छूट, सब्सिडी, निवेश पर लाभ, या अन्य वित्तीय प्रोत्साहनों के रूप में होते हैं, जो किसी विशेष उद्योग, व्यापार, या व्यक्ति को आर्थिक रूप से फायदा पहुँचाने के लिए प्रदान किए जाते हैं।

होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष सुमित सूरी:

  • मध्यप्रदेश में निवेशकों की रुचि है, लेकिन नीति सुधार की आवश्यकता है।
  • हेल्थ वेलनेस टूरिज्म, मेडिकल टूरिज्म और मैरिज टूरिज्म की संभावनाएँ व्यापक हैं।
  • यदि नीतियों में हुए बदलावों की जानकारी नियमित रूप से साझा की जाए, तो अधिक निवेशकों को आकर्षित किया जा सकता है।
  • इंदौर की सीमाओं पर स्थित जलाशयों जैसे बिलावली, यशवंत सागर और सिरपुर का सौंदर्यीकरण कर शहर की अपील बढ़ाई जा सकती है।
  • राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित ग्रामीण हाट को अन्यत्र स्थानांतरित किया जाए, जिससे निवेशकों की रुचि बढ़े।
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मैरिज डेस्टिनेशन को बढ़ावा देने की बात कर चुके हैं, इसे ध्यान में रखते हुए योजनाएँ बनाई जानी चाहिए।
  • इंदौर छात्रों को आकर्षित कर रहा है, लेकिन कोचिंग और शिक्षा सुविधाओं के लिहाज से पूरी तरह तैयार नहीं है।

जय प्रकाश सराफ, प्रेजिडेंट टैक्स प्रैक्टिशनर एसोसिएशन:

  • नीतियाँ तो बहुत हैं, लेकिन उनकी जानकारी उद्योग जगत तक नहीं पहुँच रही।
  • व्यापक स्तर पर आउटरीच प्रोग्राम आयोजित किए जाएं।
  • इंदौर में जीएसटी ट्रिब्यूनल की स्थापना होनी चाहिए।
  • सीएसआर फंडिंग के लिए ट्रस्ट बनाना चुनौतीपूर्ण है, इसकी प्रक्रिया सरल होनी चाहिए।

प्रतिभा सिंटेक्स के प्रतिनिधि:

  • पावर सप्लाई से जुड़ी समस्याएँ हैं, मेंटेनेंस ठीक से नहीं हो रहा।
  • औद्योगिक क्षेत्रों में स्थित पावर स्टेशनों को अपडेट किया जाए।
  • पीथमपुर में फायर स्टेशन और ESIC अस्पताल की आवश्यकता है।
  • बाहर से आने वाले श्रमिकों के लिए स्थानीय स्तर पर आवासीय व्यवस्था होनी चाहिए।

मोयरा स्टील के डायरेक्टर संदीप जैन:

  • इन्वेस्टर समिट के पंजीयन के दौरान स्थानीय यानी मप्र के उद्योगपतियों को वरीयता दी जानी चाहिए।  पंजीयन के आवेदन पत्र के साथ अग्रिम पंक्ति में बैठक व्यवस्था होनी चाहिए। 
  • एमपी एक बिजली सरप्लस राज्य है, फिर भी उद्योगों को महंगी बिजली मिल रही है। बिजली दरें रियायती होनी चाहिए। 
  • एमपी में निवेश करने वालों को अधिकतम 40% वैट टैक्स रिफंड की सुविधा है, लेकिन हमें 100% SGST रिफंड मिलना चाहिए, क्योंकि हम उत्पादन और बिक्री दोनों मध्यप्रदेश में ही कर रहे हैं।

इनफ़ोसिस के बालकृष्ण ने कहा, सुपर कॉरिडोर पर केवल Infosys और TCS की ब्रांडिंग हो रही है, अन्य कंपनियों की स्थापना और ब्रांडिंग पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए।

युवा कारोबारी आयुष डफरिया ने कहा. राज्य में टेलेंट पूल के साथ वेंडर्स को भी मंच मिलना चाहिए ताकि वे टेलेंट की खोज कर सके।

उद्योग संवाद में कई अन्य महत्वपूर्ण मुद्दे भी उठाए गए, जिनका समाधान सरकार और प्रशासन द्वारा किए जाने की आवश्यकता है। यह संवाद आगामी ग्लोबल इन्वेस्टर समिट 2025 के लिए महत्वपूर्ण तैयारी का हिस्सा साबित हो सकता है।

सभी सुझावों पर शासन की ओर से उपस्थित अधिकारियों ने सकारात्मक जवाब दिया और इन सुझावों को राज्य सरकार के साथ साझा करने की बात कही। इस संवाद में मध्य प्रदेश इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (MPIDC) के मुख्य महाप्रबंधक आर. के. भंवर, इंदौर नगर निगम आयुक्त शिवम वर्मा (IAS), जिलाधिकारी आशीष सिंह (IAS), मध्य प्रदेश कॉरपोरेशन के कार्यकारी निदेशक राजेश राठौड़, और सीआईआई मध्य प्रदेश के उपाध्यक्ष सिद्धार्थ सेठी जैसे प्रमुख अधिकारी एवं उद्योग जगत से जुड़े विशेषज्ञ शामिल हुए।

कलेक्टर आशीष सिंह: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में उद्योगों को मिल रहा बढ़ावा

इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मध्य प्रदेश में उद्योगों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य में पर्यटन, फिल्म इंडस्ट्री, स्टार्टअप सहित विभिन्न क्षेत्रों के लिए नई नीतियां तैयार की जा रही हैं, जो निवेश गतिविधियों को और सुलभ बनाएंगी। इसके अलावा, संभावित निवेशकों को इंदौर और आसपास के औद्योगिक क्षेत्रों की भूमि से जुड़ी जानकारी भी प्रदान की गई। कलेक्टर सिंह ने बताया कि उन्हें कई महत्वपूर्ण सुझाव प्राप्त हुए हैं, जिन पर आगे कार्य किया जाएगा।

इंदौर संभाग में 20 हजार एकड़ का लैंड पूल, विस्तार की योजना पर कार्य जारी: उद्योग विभाग

उद्योग विभाग ने जानकारी दी कि इंदौर संभाग में वर्तमान में 20 हजार एकड़ का लैंड पूल उपलब्ध है, जिसे और बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। विभाग के अनुसार, औद्योगिक विकास को गति देने और निवेशकों को अधिक सुविधाएं प्रदान करने के उद्देश्य से भूमि विस्तार की योजनाओं पर तेजी से कार्य किया जा रहा है।

By Jitendra Singh Yadav

जितेंद्र सिंह यादव वरिष्ठ पत्रकार, आरटीआई कार्यकर्ता और राजनीतिक विश्लेषक 15+ वर्षों का पत्रकारिता अनुभव, यूनाइटेड न्यूज ऑफ इंडिया (UNI) से जुड़े। स्वतंत्र विश्लेषक, राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय राजनीति पर गहरी पकड़। Save Journalism Foundation व इंदौर वर्किंग जर्नलिस्ट्स यूनियन के संस्थापक। Indore Varta यूट्यूब चैनल और NewsO2.com से जुड़े। 📌 निष्पक्ष पत्रकारिता व सामाजिक सरोकारों के लिए समर्पित।

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