वित्त आयोग की टीम ने की इंदौर के विकास की सराहना
इंदौर, 7 मार्च 2025 – भारत के 16वें वित्त आयोग की सदस्य एनी जॉर्ज मैथ्यू, मनोज पांडा, डॉ. सौम्य कांति घोष और ऋत्विक पांडे जब इंदौर पहुंचे, तो शहर का बदला हुआ स्वरूप देखकर प्रभावित हुए। ग्रांट्स के प्रभावी उपयोग, स्मार्ट सिटी परियोजनाओं और जनभागीदारी से चल रहे अभियानों की समीक्षा के बाद, एनी जॉर्ज मैथ्यू ने कहा,
“इंदौर से हम बहुत कुछ सीखकर जा रहे हैं। ग्रांट्स का उपयोग जिस तरह से किया गया है, वह पूरे देश के लिए एक उदाहरण बन सकता है।”
इंदौर की सफलता: पारदर्शिता और जनभागीदारी का संगम
इंदौर को सिर्फ एक विकसित शहर कहना इसकी उपलब्धियों को कम आंकना होगा। यह एक सुनियोजित विकास मॉडल बन चुका है, जहां सरकारी नीतियां, निजी क्षेत्र और आम नागरिक मिलकर बदलाव ला रहे हैं।
स्वच्छता अभियान हो या ग्रीन मोबिलिटी, स्मार्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर हो या ऊर्जा संरक्षण, हर क्षेत्र में इंदौर नए मानक स्थापित कर रहा है। वित्त आयोग की टीम ने ट्रेचिंग ग्राउंड का निरीक्षण किया, जहां उन्होंने ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के उन्नत तरीकों को करीब से देखा।
“यह देखकर हैरानी हुई कि कचरा भी सुंदर और उपयोगी बन सकता है। इंदौर में सरकार और जनता का तालमेल इसे संभव बना रहा है,” – एनी जॉर्ज मैथ्यू।
विकास की गति: आंकड़ों से परे एक कहानी
शहर के विस्तार और नागरिक सुविधाओं में हो रहे सुधार के पीछे मजबूत योजना और कारगर क्रियान्वयन है।
महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने बताया कि पिछले ढाई वर्षों में 1,000 से अधिक पानी और ड्रेनेज लाइनों का निर्माण किया गया है। जनवरी में 75 लाख यूनिट, जबकि फरवरी में 1 करोड़ यूनिट बिजली की बचत हुई।
“इंदौर अब सिर्फ एक शहर नहीं, बल्कि एक नया शहरी विकास मॉडल बन चुका है। यहां ग्रीन मोबिलिटी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डिजिटलीकरण को प्राथमिकता दी जा रही है।”
कैलाश विजयवर्गीय: “संस्कार और टीमवर्क से मिली सफलता”
कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने इंदौर की सफलता का श्रेय यहां की समृद्ध परंपराओं और सामूहिक प्रयासों को दिया।
“इंदौर को जो संस्कार मिले हैं, वे इसे अलग पहचान देते हैं। यहां जनता, प्रशासन और सरकार में तालमेल है। अफसरशाही में कोई अहंकार नहीं, यही इस शहर की असली ताकत है।”
क्या इंदौर भारत के सबसे उन्नत शहरों में शामिल होगा?
बैंगलोर और हैदराबाद जैसे शहरों की तर्ज पर इंदौर में भी डिजिटल इकोनॉमी, ग्रीन एनर्जी और स्मार्ट मोबिलिटी को बढ़ावा दिया जा रहा है।
“इंदौर अब टेक-ऑफ की स्थिति में है। यहां नवाचार और विकास की गति इसे भारत के भविष्य का शहर बनाने की ओर ले जा रही है,” – महापौर पुष्यमित्र भार्गव।
शहर की सफलता दर्शाती है कि यदि सही नीतियों और पारदर्शिता के साथ योजनाओं को लागू किया जाए, तो विकास सिर्फ एक सपना नहीं, बल्कि वास्तविकता बन सकता है।
इंदौर एक मिसाल है
इंदौर की कहानी सिर्फ आंकड़ों की नहीं, बल्कि सुनियोजित नीति, नागरिक भागीदारी और प्रशासनिक इच्छाशक्ति की है। यह भारत के अन्य शहरों को संदेश देता है कि सकारात्मक बदलाव केवल योजनाओं से नहीं, बल्कि उन्हें ज़मीन पर उतारने से आता है।
इंदौर अब सिर्फ मध्य प्रदेश का नहीं, बल्कि भारत के शहरी विकास का आदर्श बन चुका है।