इंदौर, 03 अगस्त 2024
महाकाल सेवा फाउंडेशन, इंदौर द्वारा आयोजित लावारिस शवों के अंतिम संस्कार के पूजन के मौके पर 1008 महामंडलेश्वर श्री गोपाल दास जी महाराज ने महत्वपूर्ण विचार व्यक्त किए। मुक्तिधाम जूनी इंदौर में श्री गोपाल दास महाराज ने कहा कि सेवा और मानवता के हित में निरंतर कार्य करने के लिए धन से ज्यादा महत्वपूर्ण है मन की भावना।
श्री गोपाल दास जी महाराज ने उपस्थित महाकाल संस्था के संस्थापक नरेंद्र वर्मा, अध्यक्ष प्रियांशु पांडे, श्रीमती शीला सतीश कारोले, अनिकेत कारोले, नितिन गंगराड़े और अन्य पदाधिकारियों के समक्ष अपने आशीर्वाद वचन में कहा कि जब मन में सेवा की भावना जागृत होती है, तो किसी भी प्रकार की बाधा और कठिनाई के बावजूद, व्यक्ति और संस्थाएँ इंसानियत की राह पर आगे बढ़ती रहती हैं।
उन्होंने विशेष रूप से लावारिस शवों की सेवा की दिशा में महाकाल सेवा फाउंडेशन के योगदान की सराहना की। श्री महाराज ने कहा कि हमारे सनातन धर्म और संस्कृति के अनुसार, जिन व्यक्तियों की मृत्यु लावारिस रूप में होती है, उनके लिए अंतिम संस्कार और तर्पण की व्यवस्था करना एक महत्वपूर्ण दायित्व है। महाकाल सेवा फाउंडेशन ने कई वर्षों से इस दिशा में नियमित रूप से कार्य किया है और गंगा के किनारे हरिद्वार जाकर तर्पण का कार्य भी निरंतर कर रहे हैं।
इस मौके पर, श्री महाराज ने नारी की सेवा भावना की भी सराहना की। उन्होंने विशेष रूप से श्रीमती शीला सतीश कारोले की सराहना की, जो अपने समर्पण और मानवता की सेवा के लिए हमेशा तैयार रहती हैं। उन्होंने कहा कि नारी का हृदय कोमल होता है और वह समाज के दुख में भी अधिकतम भागीदारी निभाती है। श्रीमती शीला सतीश कारोले की भूमिका को उन्होंने नारी सेवा के दृढ़ संकल्प का प्रतीक बताया और उन्हें विशेष बधाई दी। महाकाल सेवा फाउंडेशन की यह पहल न केवल मानवता की सेवा करती है, बल्कि समाज में एक महत्वपूर्ण उदाहरण प्रस्तुत करती है कि सच्ची सेवा और मानवता के लिए मन की भावना कितनी महत्वपूर्ण होती है।