अमित शाह की सभा में भाजपा कार्यकर्ताओं की शर्मनाक हरकत, कवरेज करने गए पत्रकार को पीटा
इंदौर
देश की सबसे बहुचर्चित सीट रायबरेली आज गृह मंत्री और भाजपा के शीर्ष नेता अमित शाह की आम सभा में एक पत्रकार को पीटे जाने का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि दिल्ली के पत्रकार राघव त्रिवेदी यहाँ चुनावी सभा करने पहुंचे थे। यहाँ पत्रकार के हाथ कुछ ऐसे फुटेज लगे जिसमें महिलाएं कह रही थीं कि वे 100-100 रु में यहाँ सभा में आई है। जब पत्रकार इस मामले की और विस्तृत जानकारी ले रहा था, तब कुछ कथित भाजपा कार्यकर्ताओं ने उसे पीट दिया और फुटेज डिलीट करने का दबाव बनाया । राघव ने कुछ मीडिया कर्मियों को बताया कि सभा में उपस्थित पार्टी कारायकर्ता उसे काले कपड़े और दाढ़ी में देख वर्ग विशेष समुदाय का समझ रहे थे । बतौर पत्रकार त्रिवेदी उसने आज तक और एएनआई के पत्रकार का हाथ पकड़ा, पुलिस से भी मिन्नतें की लेकिन किसी ने उसे नहीं बचाया । लोगों ने उसे पेट में घूसे मारे, और उधर अमित शाह का भाषण चल रहा था। राघव जब बेहोश हुए तो उन्हें अस्पताल ले जाया गया । यहाँ उसे कांग्रेस नेता भूपेश बघेल, पप्पू यादव समेत तमाम विपक्ष के नेता देखने पहुंचे। विपक्षी दलों ने राघव के वीडियो भी ट्वीट कर सत्तासीन पार्टी की आलोचना की है ।
क्या कहा विपक्षी दलों ने ?
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने पिटाए पत्रकार राघव त्रिवेदी का वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा, ‘’रायबरेली में गृहमंत्री जी की सभा में भाजपा के लोगों द्वारा @moliticsindia के पत्रकार राघव त्रिवेदी को बेरहमी से पीटा गया। गृहमंत्री जी भाषण देते रहे और पुलिस मूकदर्शक बनी देखती रही। पत्रकार को सिर्फ इसलिए पीटा गया क्योंकि उन्होंने कुछ महिलाओं से बात की थी जो कह रही थीं कि सभा में आने के लिए उन्हें पैसे दिए गए। पूरे देश के मीडिया का मुंह बंद कर देने वाली भाजपा को यह बर्दाश्त नहीं है कि उनके खिलाफ कहीं कोई आवाज उठे। संविधान खत्म करने का अभियान चला रही भाजपा इस देश से लोकतंत्र को खत्म कर जनता की आवाज छीन लेना चाहती है।“
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रियंका गांधी के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए लिखा, ‘आज देश में दो तरह की मीडिया हैं – एक वो जिनकी पीठ ‘झूठ और नफ़रत’ फैलाने पर प्रधानमंत्री खुद थपथपाते हैं। दूसरे वो जो ‘सच की आवाज़’ उठाने की कीमत अपनी जान जोखिम में डाल कर चुका रहे हैं। देश के गृहमंत्री की सभा में बस अपना काम कर रहे एक जुझारू पत्रकार के साथ पुलिस के संरक्षण में ऐसी गुंडागर्दी बताती है कि क्यों नरेंद्र मोदी के राज में भारत प्रेस फ्रीडम के मामले में 159वें स्थान पर है। हम सब इस बहादुर युवा के साथ खड़े हैं।“