इंदौर, 04 जनवरी 2025,(न्यूजओ2 डॉट कॉम)/7724038126:  दुनिया के सबसे लोकतंत्र में पत्रकारिता करना बहुत चुनौतीपूर्ण हो गया है। भाजपा शासित डबल इंजन की छत्तीसगढ़ सरकार में एक पत्रकार की बेरहमी से हत्या कर दी गई क्योंकि उसने सड़क निर्माण को लेकर हो रहे भ्रष्टाचार को उजागर किया था। जिसके बाद ठेकेदार पर जांच बैठा दी गई थी।

बीजापुर के 31 वर्षीय पत्रकार मुकेश चंद्राकर एक स्थापित स्थानीय पत्रकार थे जो बस्तर जंक्शन नामक यूट्यूब चैनल चलाते थे साथ ही एक राष्ट्रीय टीवी संस्थान के एक स्टिंगर भी थे।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नए वर्ष 2025 के पहले दिन 1 जनवरी की शाम से लापता मुकेश चंद्राकर का शव 3 जनवरी को एक सेप्टिक टैंक में बहुत खराब स्थिति में पुलिस ने बरामद किया। यह सेप्टिक टैंक उसी व्यक्ति है जिसके खिलाफ मुकेश ने भ्रष्टाचार का मामला उजागर किया था। मुकेश के माथे पर और पीठ पर पुलिस को गहरे घाव मिले हैं, जिससे साबित होता है कि उनकी बेरहमी से हत्या की गई। प्राथमिक जानकारी के अनुसार आरोपी सुरेश चंद्राकर के बैडमिंटन कोर्ट परिसर में बने सैप्टिक टैंक में शव मिला। सैप्टिक टैंक को चादर से ढक कर ऊपर से प्लास्टर कर दिया गया था । प्लास्टर ताजा था, पुलिस को खोदने में लगभग 3 घंटे लगे।

पुलिस ने इस मामले में 3 आरोपियों को हिरासत में लिया है । हैदराबाद से मुख्य आरोपी ठेकेदार सुरेश चंद्राकर और दिल्ली से सुरेश के भाई रितेश चंदराकर को हिरासत में लिया है। सुरेश ने 1 जनवरी की देर शाम मुकेश को मिलने बुलाया था, जिसके बाद वे लापता थे। पुलिस मुकेश की आखिरी लोकेशन के आधार पर उन तक पहुंची और शव को बरामद किया।

पत्रकार मुकेश चंद्राकार वह पत्रकार हैं जिन्होने एक सीआरपीएफ जवान को नक्सलियों के चंगुल से छुड़ाया था और उन्हें अपनी मोटर साइकिल पर बैठाकर सुरक्षित बाहर निकाला था। इसके साथ ही मुकेश ने एक और रिपोर्ट की थी जिसमें उन्होने खुलासा किया था कि पुलिस ने नक्सलियों की जगह आदिवासियों को नक्सली समझकर मार दिया है। मुकेश के इन दो साहसिक खबरों से तत्कालीन सरकारें हिल गई थीं।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मुकेश चंद्रकर की हत्या पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि इस अपराध के किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होने पुलिस को अपराधियों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी और कड़ी कार्यवाही के आदेश दिये हैं।

पत्रकारों ने किया सांकेतिक चक्का जाम

पीटीआई की खबर के अनुसार आज पत्रकारों ने बीजापुर में अस्पताल चौक पर सांकेतिक चक्का जाम किया। इस दौरान पत्रकारों ने हत्याकांड के मुख्य आरोपी ठेकेदार सुरेश चंद्राकर और उसके साथियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। साथ ही पत्रकारों ने आरोपित ठेकेदार सुरेश चंदराकर की बीजापुर और बस्तर संभाग में स्थित सभी सम्पत्तियों को जब्त कर उनहन सरकारी घोषित करने, आरोपियों पर एफआईआर दर्ज कर मौत की सजा देने, आरोपी सुरेश चंदराकर के सुरक्षा कर्मियों को हटाने, सुरेश को जारी सभी टेंडर रद्द करने, बैंक खाते और पासपोर्ट सील करने की मांग की है। पत्रकारों की अन्य मांगों में घटना स्थल चट्टानपारा में बने अवैध परिसर को तत्काल ध्वस्त करने, बीजापुर पुलिस अधीक्षक को निलंबित या स्थानांतरित करने तथा पत्रकार मुकेश चंद्राकर को शहीद का दर्जा देने जैसी मांगें शामिल हैं

प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने की कड़ी निंदा

प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने पत्रकार मुकेश चंद्राकार की हत्या की निंदा की है और दोषियों पर कड़ी कार्यवाही की मांग की है। साथ ही स्थानीय पत्रकारों की लंबे समय से लंबित पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की मांग को राज्य सरकार से प्राथमिकता से लेने की बात कही है।

By Neha Jain

नेहा जैन मध्यप्रदेश की जानी-मानी पत्रकार है। समाचार एजेंसी यूएनआई, हिंदुस्तान टाइम्स में लंबे समय सेवाएं दी है। सुश्री जैन इंदौर से प्रकाशित दैनिक पीपुल्स समाचार की संपादक रही है। इनकी कोविड-19 महामारी के दौरान की गई रिपोर्ट को देश और दुनिया ने सराहा। अपनी बेबाकी और तीखे सवालों के लिए वे विख्यात है। 

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