विकिलीक्स के संस्थापक असांजे को राहत
देश और सरकारों के बीच फर्क बताने वाले जूलियन असांजे हुए जेल से आज़ाद
नई दिल्ली, 25 जून 2024
अमेरिका सहित दुनिया की कई सरकारों के द्वारा अपने अपने नागरिकों से छुपकर रखी गई खुफिया जानकारियों का खुलासा कर सुर्खियों में आए जूलियन असांजे की आज जेल से रिहाई हुई है । 2006 में विकिलीक्स की स्थापना करने वाले पत्रकार असांजे 2019 से जेल में थे ।
असांजे के खिलाफ अमेरिकी सरकार ने खुफिया जानकारी को चुराने समेत कई आरोप लगा रखे थे । अमेरिकी सरकार और असांजे के बीच हुए कथित समझौते के बाद उनकी रिहाई हो सकी है । बेलमार्श मेक्सिमम सिक्योरिटी जेल में 1901 दिन कैद रहने के बाद असांजे आज रिहाई के बाद अपने वतन आस्ट्रेलिया पहुँच गए हैं । भारत समेत दुनिया के मानव अधिकार कार्यकर्ताओं और खोजी पत्रकारों में असांजे की रिहाई के समाचार से हर्ष की लहर है । आपको बता दें दुनिया भर के सामाजिक कार्यकर्ता और खोजी पत्रकार लंबे समय से असांजे की रिहाई की मांग कर रहे थे ।
सरकारों की गुप्त जानकारी का प्रकाशन करना नहीं है अपराध
दुनिया भर के लोकतान्त्रिक देशों की सरकारों पर पारदर्शित शासन नहीं करने के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं । नागरिक सुरक्षा व्यवस्था, आर्थिक जानकारियाँ कुल मिलाकर कहें तो देश की व्यवस्था के संचालन में खर्च की जाने वाली राशि और विविध माध्यमों से सरकारों के द्वारा प्राप्त की जाने वाली राशि का लेखा जोखा सार्वजनिक नहीं करना नेतृत्वकर्ताओं की मंशा पर बड़ा सवाल है । ऐसे ही कई जानकारियों को असांजे सार्वजनिक कर दुनिया की सरकारों की आँख में चुभने लगे थे । अमेरिका द्वारा की जा रही सैन्य बर्बरता का खुलासा कर असांजे अमेरिकी सरकार के निशाने पर आ गए थे। दरअसल ये बहस आम है कि आखिर क्यों सरकारें अपने आप को देश मान लेती हैं ? सरकारों की कार्य विधि की आलोचना करना उसे कसौटियों पर परखना और गड़बड़ी सामने आने पर उसे जनता के बीच ले जाना , यही तो पत्रकारों का काम है । यहाँ सवाल ये भी है कि अपनी जानकारी का सोर्स न बताना पत्रकारों का दायित्व है । उधर इस स्थिति में सरकारें पत्रकारों पर जानकारियाँ चोरी करने का आरोप लगाकर प्रताड़ित करने के प्रयास करती रही हैं । असांजे भी इसी तरह की कवायदों का शिकार हुए हैं ।