भारतीय सियासत का आज (बुधवार) होगा UNITY TEST
नेहा जैन,
25 जून 2024
लोक सभा अध्यक्ष के पद के लिए कल एनडीए ही नहीं इंडिया गठबंधन की भी अग्निपरीक्षा है । जहां ओम बिरला के नाम पर एनडीए के सभी घटक दलों की सहमति ऊपरी तौर पर दिखाई दे रही है तो वहीं के. सुरेश का नाम आगे कर कांग्रेस अपने ही मुख्य घटक दल टीएमसी और शरद पवार वाली एनसीपी को अपने विरोध में ले आई है। हालांकि स्पीकर पद के लिए कल 26 जून को होने वाली गोपनीय वोटिंग के परिणाम के बाद ही साफ हो पाएगा कि कौन- किसके साथ है ?
आपको बता दें कि कांग्रेस ने जहां दलित समुदाय से आने वाले के सुरेश को लोक सभा अध्यक्ष पद के लिए प्रत्याशी बनाकर यूपी- बिहार में होने वाले आगामी विधान सभा चुनाव के लिए एक अग्रिम मुद्दा तैयार कर लिया है तो उसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह को फ्लोर टेस्ट के पहले अपने घटक दलों को लामबंद कर किलाबंदी करने के लिए मजबूर कर दिया है । उधर कांग्रेस के लिए भी इंडिया गठबंधन को इस मुद्दे पर अपने साथ खड़ा रखने की भी परीक्षा होगी । ये तो निश्चित है कि भाजपा न सही एनडीए अपने बलबूते पर ओम बिरला को लोक सभा अध्यक्ष निर्वाचित करने की दिशा में संख्या बल के आधार पर पूरी तरह सक्षम है । उधर कांग्रेस के नेतृत्व वाले इंडिया गठबंधन के लिए मजबूत विपक्ष के आगाज के रूप में खरा उतरना किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं होगा । मसलन इंडिया, एनडीए और अन्य के खाते में दर्ज संख्या बल का मत बुधवार को किसके पक्ष में पड़ता है, यह देखना दिलचस्प होगा ।
संविधान विरोधी कार्य शैली रही है विरला की -कांग्रेस
कांग्रेस प्रवक्ता अभय दुबे ने आरोप लगाते हुए कहा कि पूर्व लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला की कार्य शैली संविधान के मूल्यों के खिलाफ रही है। उन्होने आरोप लगाया कि 2019 से 2024 के बीच 17 वीं लोक सभा में बगैर चर्चा के बिल पास करना, महत्वपूर्ण विषयों पर बिल न लाकर अध्यादेश लाना, जनहित के मुद्दों पर विपक्ष को चर्चा का अवसर न देकर एक साथ पूरे विपक्ष का निलंबन करने जैसी कार्य शैली के खिलाफ इंडिया गठबंधन ने अपना प्रत्याशी खड़ा किया है। संख्या बल में भले ही एनडीए के पास निर्णायक वोट हों, लेकिन अब देखना ये है कि कौन संविधान के पक्ष में हैं और कौन इसके खिलाफ है ?