किशोर द्वारा अपहरण और हत्या जैसे मामले में सहानुभूति नहीं आवाश्यक- मप्र हाई कोर्ट

इंदौर, 12 जून 2024

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने उस 16 वर्षीय किशोर को जमानत देने से इंकार कर दिया है जिस पर एक नाबालिग का अपहरण करने के बाद फिरौती मांगने और फिरौती नहीं मिलने पर किशोर की हत्या करने का आरोप है। जस्टिस दिनेश कुमार पालीवाल की एकल पीठ ने अपने हालिया फैसले में इस बात पर ज़ोर दिया कि किशोर न्याय अधिनियम के प्रावधानों की व्याख्या जमानत के मामलों में अनुचित लाभ देने के लिए नहीं की जा सकती है , खास कर तब जब किशोर पर जघन्य अपराध के आरोप हों।

पीठ ने क्या कहा ?

पीठ ने कहा, “एक असहाय और मासूम बच्चे की हत्या ऐसे अपराध को करने वाले व्यक्ति की मानसिकता की भ्रष्टता को दर्शाती है। फिरौती के लिए बच्चे का अपहरण और फिरौती न मिलने पर अपहृत बच्चे की हत्या को ऐसा कृत्य नहीं माना जा सकता, जिसे युवावस्था या किशोरावस्था में बच्चे द्वारा की गई गलती कहा जा सके। यह मृतक बच्चे के पिता या परिवार के सदस्यों से भारी फिरौती प्राप्त करने के जुनून से प्रेरित कृत्य है…यह कानून का उल्लंघन करने वाले किशोर की क्रूर मानसिकता को दर्शाता है।“

By Jitendra Singh Yadav

जितेंद्र सिंह यादव वरिष्ठ पत्रकार | आरटीआई कार्यकर्ता | राजनीतिक विश्लेषक 15+ वर्षों का पत्रकारिता अनुभव, UNI से जुड़े। Save Journalism Foundation व इंदौर वर्किंग जर्नलिस्ट्स यूनियन के संस्थापक। Indore Varta और NewsO2.com से जुड़े। निष्पक्ष पत्रकारिता व सामाजिक सरोकारों के लिए समर्पित।