Madhya Pradesh Human Rights Commission Took Cognizance of 5 Cases

भोपाल, 06 मार्च 2025 – मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने बुधवार 5 फ़रवरी को 5 मामलों में संज्ञान लिया, जिनमें पुलिस भर्ती में ज्वाइनिंग में देरी, नाबालिग पर धर्मांतरण का दबाव, स्कूल में तालाबंदी, बस पर पथराव से डॉक्टर की मौत और आदिवासी महिला के वन अधिकार से जुड़ा मामला शामिल है।

अध्यक्ष मनोहर ममतानी ने विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाशित 5 मामलों को प्रथम दृष्टया मानव अधिकार उल्लंघन का मामला मानते हुए संबंधित अधिकारियों से रिपोर्ट तलब की है।

  1. 2013 में परीक्षा पास, अब तक ज्वाइनिंग नहीं

स्थान: भोपाल
विवरण: टीकमगढ़ के एक युवक ने 2013 में पुलिस भर्ती परीक्षा पास की थी और उसकी पोस्टिंग 26वीं वाहिनी विसबल, गुना में हुई थी। पारिवारिक कारणों से वह चार महीने देरी से पहुंचा, जिसके बाद विभाग ने उसे जल्द जॉइनिंग देने का आश्वासन दिया, लेकिन अब तक नियुक्ति नहीं दी गई।
आयोग का निर्देश: पुलिस महानिदेशक, पुलिस मुख्यालय, भोपाल से एक माह में जांच रिपोर्ट मांगी गई है।

  1. नाबालिग को बेड़ियों से बांधकर धर्मांतरण का दबाव

स्थान: खंडवा (मोघट थाना क्षेत्र)
विवरण: एक 17 वर्षीय बालक को बेड़ियों में जकड़कर जबरन धर्मांतरण का दबाव बनाने का मामला सामने आया है।
आयोग का निर्देश: पुलिस अधीक्षक, खंडवा से तीन सप्ताह में रिपोर्ट तलब की गई है।

  1. स्कूल में लगा ताला, छात्र बाहर घूमते दिखे

स्थान: शहडोल (ब्यौहारी तहसील, भोलहरा)
विवरण: शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय में शिक्षकों की लापरवाही के चलते अक्सर ताला लगा रहता है, जिससे छात्र बाहर घूमते नजर आते हैं।
आयोग का निर्देश: कलेक्टर, शहडोल से तीन सप्ताह में जांच रिपोर्ट मांगी गई है।

  1. बदमाशों ने बस पर किया पथराव, यात्री डॉक्टर की मौत

स्थान: रीवा (चोरहटा थाना क्षेत्र, शिल्पा सिटी)
विवरण: रीवा से इंदौर जा रही इंटरसिटी बस पर तीन अज्ञात बाइक सवार बदमाशों ने हमला किया, जिसमें एक डॉक्टर की मौत हो गई।
आयोग का निर्देश: कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक, रीवा से तीन सप्ताह में रिपोर्ट मांगी गई है।

  1. आदिवासी महिला की वन अधिकार को लेकर गुहार

स्थान: शहडोल (चितराँव)
विवरण: आदिवासी बैगा महिला ने वन सुरक्षा समिति द्वारा महुआ के पेड़ों के पट्टे और लगान राशि को लेकर न्याय की मांग की है।
आयोग का निर्देश: कलेक्टर व डीएफओ, शहडोल से एक माह में रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है।

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने इन मामलों पर गंभीरता से ध्यान देते हुए संबंधित अधिकारियों से शीघ्र कार्रवाई और रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।

By Jitendra Singh Yadav

जितेंद्र सिंह यादव वरिष्ठ पत्रकार | आरटीआई कार्यकर्ता | राजनीतिक विश्लेषक 15+ वर्षों का पत्रकारिता अनुभव, UNI से जुड़े। Save Journalism Foundation व इंदौर वर्किंग जर्नलिस्ट्स यूनियन के संस्थापक। Indore Varta और NewsO2.com से जुड़े। निष्पक्ष पत्रकारिता व सामाजिक सरोकारों के लिए समर्पित।