Stock Market Crash: क्यों गिर रहा है शेयर बाजार?

शेयर बाजार ऐसा गिरा जैसे सुबह ऑफिस की पहली लोकल ट्रेन पकड़ने की कोशिश करता कोई बाबू—भागते-भागते धड़ाम!

हर न्यूज़ चैनल पर ब्रेकिंग न्यूज़ थी—“शेयर बाजार में भारी गिरावट, निवेशकों के अरबों स्वाहा!”

मैंने तुरंत अर्थव्यवस्था के ज्ञानी चाचाजी को फोन लगाया।

“चाचाजी, शेयर बाजार क्यों गिर रहा है?”

चाचाजी ठंडी सांस भरकर बोले, “विदेशी निवेशक (Foreign Investors) पैसा निकाल रहे हैं!”

“अरे! लेकिन वे पैसा क्यों निकाल रहे हैं?”

“क्योंकि उन्हें भारत अब उतना आकर्षक नहीं लग रहा!”

“भारत को क्या हुआ? अभी तो हम दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है ?”

चाचाजी मुस्कुराए, “बेटा, यहां के शेयर महंगे हैं, लेकिन कंपनियों का प्रदर्शन कमजोर है—सोने के भाव में पीतल!”

“अच्छा! लेकिन कंपनियां अच्छा प्रदर्शन क्यों नहीं कर रहीं?”

“क्योंकि बाजार में मांग (Consumer Demand) कमजोर है, लोग खरीदारी नहीं कर रहे!”

“लोग खरीदारी क्यों नहीं कर रहे?”

चाचाजी हंसे, “बेटा, देशभक्ति से पेट नहीं भरता, जेबें भरनी पड़ती हैं!”

“ओह! तो जनता की जेबें खाली क्यों हैं?”

“क्योंकि वेतन (Salaries) नहीं बढ़ रहे, महंगाई (Inflation) बढ़ रही है, और ऊपर से जीएसटी और टैक्स का चाबुक अलग से चल रहा है!”

“सरकार को इतना टैक्स (Taxes) क्यों चाहिए?”

“क्योंकि खर्चे बहुत हैं, लेकिन अमीरों से टैक्स लेने में दिक्कत होती है!”

“सरकार अमीरों से टैक्स क्यों नहीं लेना चाहती?”

“अरे भई! अमीर लोग चुनावों में चंदा (Electoral Donations) देते हैं, सरकार भला उन्हें कैसे नाराज़ कर सकती है?”

“ओह, तो अमीर चंदा क्यों देते हैं?”

“इसके बदले में उन्हें कम टैक्स, सरकारी ठेके (Government Contracts) और नीतियों में खास रियायतें मिलती हैं!”

“तो सरकार आम जनता से ज़्यादा अमीरों का ख्याल क्यों रखती है?”

“क्योंकि चुनाव लड़ने के लिए पैसा चाहिए, विज्ञापन चाहिए, सोशल मीडिया पर माहौल बनाना पड़ता है!”

“पर जनता इतनी आसानी से मुद्दों से भटक क्यों जाती है?”

“क्योंकि अगर वो बेरोज़गारी (Unemployment), महंगाई और असमानता (Inequality) पर ध्यान देने लगे, तो बड़े-बड़े नारों की चमक फीकी पड़ जाएगी!”

अब मैं चुप हो गया। टीवी पर ब्रेकिंग न्यूज़ थी—
“बाजार में गिरावट, लेकिन सरकार ने कहा—’घबराने की जरूरत नहीं, सब कंट्रोल में है!'”

मुझे समझ आ गया…
“सब कंट्रोल में है, बस हम ही आउट ऑफ कंट्रोल हैं!”


वरिष्ठ पत्रकार शीतल पी सिंह जी की पोस्ट से प्रेरित साभार सामग्री


By Jitendra Singh Yadav

जितेंद्र सिंह यादव वरिष्ठ पत्रकार, आरटीआई कार्यकर्ता और राजनीतिक विश्लेषक 15+ वर्षों का पत्रकारिता अनुभव, यूनाइटेड न्यूज ऑफ इंडिया (UNI) से जुड़े। स्वतंत्र विश्लेषक, राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय राजनीति पर गहरी पकड़। Save Journalism Foundation व इंदौर वर्किंग जर्नलिस्ट्स यूनियन के संस्थापक। Indore Varta यूट्यूब चैनल और NewsO2.com से जुड़े। 📌 निष्पक्ष पत्रकारिता व सामाजिक सरोकारों के लिए समर्पित।

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