इंदौर,24 सितंबर 2024 (न्यूजओ2 डॉट कॉम)/7724038126। मध्य प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री और सांवेर एससी-एसटी आरक्षित विधानसभा क्षेत्र के विधायक तुलसी सिलावट ने सोमवार को जावरा कंपाउंड स्थित भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कार्यालय में एक प्रेस वार्ता आयोजित की। हालांकि, इसे प्रेस वार्ता के बजाय पब्लिक एड्रेस कहना अधिक उचित होगा। सिलावट ने सत्ताधारी दल के अन्य नेताओं की तरह जन की बात को नजरअंदाज कर मन की बात ही की।
प्रेस वार्ता निर्धारित समय से 38 मिनट की देरी से शुरू हुई, जिसमें तुलसी सिलावट ने आरक्षण पर 6 पन्नों का वाचन केवल 13 मिनट में पूरा किया। इसके बाद उन्होंने मीडिया के सवालों के गोल-मोल जवाब देकर मात्र 3 मिनट में प्रेस वार्ता समाप्त कर दी। प्रेस वार्ता के दौरान सिलावट मुद्दों पर असहज नजर आए और मीडिया के सवालों का संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए।
प्रेस वार्ता में उन्होंने हाल ही में नेता प्रतिपक्ष, लोकसभा राहुल गांधी द्वारा अमेरिका में दिए गए आरक्षण संबंधी बयान को मुद्दा बनाकर कांग्रेस को संविधान विरोधी ठहराने की कोशिश की। बड़ा सवाल यह है कि आखिर भाजपा अपने नेताओं से प्रेस कॉन्फ्रेंस करवा कर इस मुद्दे को क्यों उठा रही है?
विश्लेषकों के अनुसार, 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा को बड़ा नुकसान हुआ, जहां पार्टी का 400 सीटों का नारा 240 सीटों पर सिमट गया था। माना जा रहा है कि कांग्रेस और विपक्षी दलों की एकजुटता से भाजपा का पिछड़ा और दलित वोट बैंक खिसक रहा है। इसके चलते भाजपा को आगामी विधानसभा चुनावों में भी नुकसान होने की संभावना है। इसी के मद्देनजर भाजपा ने अपनी रणनीति बदलते हुए कांग्रेस को संविधान विरोधी ठहराने की नई रणनीति अपनाई है।
गौरतलब है कि तुलसी सिलावट, जो तीन दशकों तक कांग्रेस में रहे और 2020 में भाजपा में शामिल हुए, ने प्रेस वार्ता में नेहरू, इंदिरा गांधी से लेकर राहुल गांधी तक को संविधान विरोधी ठहराने का प्रयास किया।