मध्यप्रदेश में 2007 से 2024 तक सात ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (GIS) आयोजित की गईं, जिनमें कुल ₹33.19 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। हालांकि, वास्तविकता में केवल ₹2.55 लाख करोड़ का निवेश धरातल पर उतर सका, जो कुल प्रस्तावित निवेश का मात्र 7.68% है। इन समिट्स के माध्यम से 31.38 लाख रोजगार सृजन का दावा किया गया था, लेकिन वास्तविकता में केवल 2.38 लाख रोजगार ही प्रदान किए गए।
प्रत्येक समिट का विवरण:
- 2007: ₹1.20 लाख करोड़ के 102 समझौता ज्ञापन (MoUs) पर हस्ताक्षर हुए। वास्तविक निवेश और रोजगार के आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं।
- 2010: ₹2.35 लाख करोड़ के 107 MoUs पर हस्ताक्षर हुए। वास्तविक निवेश और रोजगार के आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं।
- 2012: ₹4.31 लाख करोड़ के 259 MoUs पर हस्ताक्षर हुए। वास्तविक निवेश और रोजगार के आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं।
- 2014: ₹4.35 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। वास्तविक निवेश और रोजगार के आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं।
- 2016: ₹5.63 लाख करोड़ के 2630 निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। वास्तविक निवेश और रोजगार के आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं।
- 2019: ₹74,000 करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। वास्तविक निवेश और रोजगार के आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं।
- 2023: ₹15.42 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। वास्तविक निवेश और रोजगार के आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं।
बेरोजगारी की स्थिति:
दिसंबर 2024 में आयोजित विधानसभा सत्र के दौरान, सरकार ने बताया कि मध्यप्रदेश में 26.17 लाख लोग बेरोजगार हैं। यदि आगामी समिट्स सफल रहती हैं, तो प्रदेश में बेरोजगारी दर में महत्वपूर्ण कमी आ सकती है।
आठवीं समिट की तैयारी
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24-25 फरवरी 2025 को भोपाल में आठवीं ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट आयोजित की जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उम्मीद जताई है कि इस बार समिट में 20 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त होंगे, जिससे 20 लाख लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है।
पिछले समिट्स में बड़े-बड़े निवेश प्रस्तावों के बावजूद, वास्तविक निवेश और रोजगार सृजन में अपेक्षित सफलता नहीं मिली है। आगामी समिट से उम्मीद है कि यह प्रवृत्ति बदलेगी और प्रदेश में आर्थिक विकास को नई गति मिलेगी।
स्रोत:
रिपोर्ट: जितेंद्र सिंह यादव, इंदौर वार्ता और News O2