इंदौर, 01 अगस्त 2024
मध्य प्रदेश के खंडवा से भारतीय जनता पार्टी के सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने सांसद पाटिल को नोटिस जारी किया है।
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की मुख्य पीठ जबलपुर के एकल न्यायाधीश न्यायमूर्ति विवेक जैन की बेंच ने सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल के साथ-साथ अन्य उम्मीदवारों को चार सप्ताह में जवाब पेश करने के लिए नोटिस जारी किया है।
दरअसल याचिकाकर्ता नरेंद्र पटेल ने 2024 लोकसभा चुनाव में खंडवा सीट पर भाजपा के उम्मीदवार ज्ञानेश्वर पाटिल की जीत को चुनौती देते हुए चुनाव याचिका दायर की है। पाटिल पर आरोप है कि उन्होंने अपने हलफनामे में जानबूझकर महत्वपूर्ण जानकारी छुपाई।
याचिकाकर्ता का आरोप है कि पटेल ने अपने नामांकन पत्र में सिटीजन को-ऑपरेटिव बैंक, बुरहानपुर से लिए गए ऋण पर डिफल्टर होना छुपाया । इसके अलावा, उन्होंने प्रियम केला सप्लायर्स के मालिक के रूप में अपनी हिस्सेदारी भी छुपाई। याचिका के अनुसार, पटेल द्वारा ऋण चुकाने के लिए जारी किए गए चार में से तीन चेक बाउंस हो गए थे। इसके कारण, पटेल को एमपी स्टेट पावरलूम बुनकर सहकारी समिति से निदेशक के पद से हटा दिया गया और सहकारी समाज की सदस्यता भी रद्द कर दी गई।
कांग्रेस नेता का आरोप है कि भाजपा के इस राजनेता ने चुनाव में भ्रष्ट तरीके अपनाए और झूठी जानकारी देकर अधिक वोट प्राप्त किए, जो कि चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने वाला एक भ्रष्टाचार है। याचिका में कहा गया है कि इन तथ्यों के छुपाने से जनसामान्य को सही प्रतिनिधि चुनने की प्रक्रिया को प्रभावित किया और इसलिए खंडवा लोकसभा क्षेत्र से पाटिल की जीत को रद्द किया जाना चाहिए।