प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष के भिन्न-मत
इंदौर, 26 अप्रैल 2025 – मध्यप्रदेश के पुलिस महानिदेशक (DGP) कैलाश मकवाना द्वारा प्रदेश भर के पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को सांसदों और विधायकों को प्राथमिकता और सम्मान देने के साथ सैल्यूट करने के निर्देश जारी किए गए हैं। इस आदेश पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के बीच मतभेद देखने को मिला है, जिसने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है।
मप्र कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने इस फैसले को पुलिस की वर्दी का “अपमान” बताते हुए विरोध जताया है। उन्होंने शनिवार को एक वीडियो जारी कर कहा कि “पुलिस को आधुनिक संसाधनों की जरूरत है, संख्या बल बढ़ाने की जरूरत है, लेकिन सरकार पुलिस बल का मनोबल बढ़ाने के वजाय उसे अपमानित कर रही है। वर्दी का सम्मान सभी जनप्रतिनिधियों का कर्तव्य है, सैल्यूट करवाकर कानून व्यवस्था नहीं सुधरेगी। यह एक अपरिपक्व निर्णय है जिसे तुरंत वापस लिया जाना चाहिए।”
वहीं दूसरी ओर, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने इंदौर में एक प्रेस वार्ता में मीडिया के प्रश्न का जवाब देते हुए इस आदेश को सामान्य शिष्टाचार का हिस्सा बताते हुए समर्थन दिया है। उन्होंने कहा कि सरकारी प्रोटोकॉल के तहत जनप्रतिनिधियों के प्रति सम्मान दिखाना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है और इसे अनावश्यक विवाद नहीं बनाना चाहिए।
क्या है निर्देश में
24 अप्रैल को DGP द्वारा जारी आदेश के अनुसार, यदि कोई सांसद या विधायक पुलिस अधिकारियों से मिलने आएं तो उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी और सम्मानपूर्वक अभिवादन करना अनिवार्य होगा। साथ ही, यदि वे किसी समस्या को लेकर संपर्क करें, तो उनकी बात को गंभीरता और सम्मान के साथ सुना जाएगा।
दरअसल बीते कुछ समय से पुलिस पर हमले की घटनाएँ बढ़ी हैं। साथ ही पुलिस पर ये आरोप लग रहे हैं कि वे जनप्रतिनिधियों की बात नहीं सुनते हैं, न ही उनके द्वारा बताई गई नागरिक समस्याओं को प्राथमिकता देते हैं। पुलिस के इस व्यवहार के विरोध में सत्ता पार्टी के कुछ नेताओं ने थाने पर बैठकर धरना दिया है। संभवत: इसीलिए डीजीपी को ये निर्देश निकालना पड़ा है।
भाजपा की चुटकी
भाजपा प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने इस मौके पर चुटकी लेते हुए कहा, “अब पटवारी खुद विधायक नहीं रहे, शायद इसी वजह से उन्हें दूसरे विधायकों को सेल्यूट किए जाने से तकलीफ हो रही है।”