राजेश जैन दददु इंदौर,

04 अगस्त 2024

7724038126

अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर जी महाराज ने चातुर्मास के दूसरे पड़ाव के पांचवे दिन हाई लिंक सिटी में धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहा कि धर्म ही एक सच्चा मित्र है जो संसार से मोक्ष, पाप से पुण्य और नीच पद से उच्च पद की ओर ले जाता है। उन्होंने धर्म के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि धर्म के बिना कर्म की समाप्ति संभव नहीं है और पाप कर्मों की निर्जरा भी नहीं की जा सकती।

धर्म सभा में मुनि श्री ने यह भी बताया कि धर्म वह मित्र है जो हमें अपने साथ रखता है और यदि हम धर्म को अपने साथ रखें, तो हम राम के समान बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति कषाय, पाप और मिथ्या के साथ धर्म करता है, वह पुण्य का बंध नहीं कर सकता और रावण की श्रेणी में आता है। इसके विपरीत, जो पुण्य का बंध करता है और धर्म की प्रभावना करता है, वह राम के समान होता है।

इस अवसर पर भक्तामर महामंडल विधान के चौथे दिन अर्घ्य भक्तिभाव पूर्वक अर्पित किए गए और गृह निवारण, वास्तु दोष तथा मन की शांति के लिए हवन किया गया। मुनि श्री के पाद पक्षालन और शास्त्र भेंट का सौभाग्य कई श्रद्धालुओं को प्राप्त हुआ। मुनि श्री ने कहा कि भगवान की आराधना मोक्ष के भाव से करनी चाहिए, क्योंकि इससे पुण्य प्राप्त होता है। धर्म को जाति, व्यवसाय और पंथ के नाम पर बांटने से रावण का जन्म होता है, और धर्म का वास्तविक उद्देश्य हमेशा विनय और समर्पण से पूरा होता है।

By Jitendra Singh Yadav

जितेंद्र सिंह यादव वरिष्ठ पत्रकार, आरटीआई कार्यकर्ता और राजनीतिक विश्लेषक 15+ वर्षों का पत्रकारिता अनुभव, यूनाइटेड न्यूज ऑफ इंडिया (UNI) से जुड़े। स्वतंत्र विश्लेषक, राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय राजनीति पर गहरी पकड़। Save Journalism Foundation व इंदौर वर्किंग जर्नलिस्ट्स यूनियन के संस्थापक। Indore Varta यूट्यूब चैनल और NewsO2.com से जुड़े। 📌 निष्पक्ष पत्रकारिता व सामाजिक सरोकारों के लिए समर्पित।