सतीश जैन,इंदौर

04 अगस्त 2024

7724038126

इंदौर के छत्रपति नगर के दलाल बाग में आज मुनि श्री विनम्र सागर जी महाराज ने अपने प्रवचन में कहा कि हमें प्रवृत्ति वाला धर्म नहीं, बल्कि प्रकृति वाला धर्म करना चाहिए। उन्होंने कहा कि लोग प्रतिदिन मंदिर जाकर घंटा बजाते हैं, दर्शन करते हैं, पूजा-पाठ और अभिषेक करते हैं, लेकिन यह सब भाव शुद्धि के बिना होता है। उन्होंने कहा कि आपको प्रभु पर श्रद्धा नहीं होती ।आपको प्रतिमा में आदमी दिखाई देता है। प्रतिमा पर लिखी प्रशस्ति को पढ़कर आप कहते हो यह फलां की प्रतिमा है , यह बेदी फलां ने बनवाई है। जबकि आपकी दृष्टि निर्मल होनी चाहिए।

मुनि श्री ने कहा कि बरसों से मंदिर जाते हो, साधना करते हो, किंतु दृष्टि का दोष मिटा नहीं। बाहर के जगत में तो तुम धर्मात्मा हो किंतु अंतरंग से तुम वैसे नहीं हो। तुम्हारा धर्म दयामयी होना चाहिए । व्यक्ति के विकास में कान की बड़ी भूमिका है । साधु का प्रवचन आपके अंदर 5 मिनट भी नहीं टिकता। साधु के प्रवचन भी आपकी सोच पर लंबे समय तक असर नहीं डालते। उन्होंने कहा कि हर दिन का जीवन पर्युषण पर्व होना चाहिए और ब्रह्मचर्य का अर्थ भी वही नहीं है, जो लोग समझते हैं। मुनिवर कहते हैं कि जो व्यक्ति अपने देश के लिए वफादार नहीं है वो अपने धर्म के प्रति भी वफादार नहीं हो सकता।

10-11 अगस्त को 65 सैनिकों का सम्मान और मोक्ष-कल्याणक दिवस

दिगंबर जैन समाज के सामाजिक संसद के प्रचार प्रमुख सतीश जैन ने बताया कि 8 अगस्त 2013 को रामटेक में 24 महाराज की दीक्षा हुई थी, जिसमें मुनि श्री निस्वार्थ सागर जी और मुनि श्री निसर्ग सागर जी भी शामिल थे। इस दिन को दीक्षा-दिवस के रूप में मनाया जाएगा। 10-11 अगस्त को 65 सैनिकों का सम्मान और मोक्ष-कल्याणक दिवस का आयोजन भी किया जाएगा।


आज प्रातः गुरुदेव के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलन के बाद गुरुदेव की आठ द्रव्यों से सभी श्रावक- श्राविकाओं ने पूजन की। दानदाताओं को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया गया। गुड़गांव से पधारे नवीन जैन सपरिवार गुड़गांव से यहां पधारे। पदाधिकारियों ने उनको भी प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर मनोज बाकलीवाल, मनीष नायक, सचिन जैन सतीश डबडेरा, सतीश जैन, शिरीष अजमेरा, राजेश जैन लॉरेल, आनंद जैन, आलोक बंडा, आदि विशेष रूप से मौजूद थे।


मुनि संघ के प्रवचन प्रतिदिन प्रातः 6:00 बजे,आचार्य भक्ति 7:00 बजे एवं शांति धारा मंदिर जी में होते हैं, तत्पश्चात सुबह 8.30 बजे से आचार्य श्री जी की पूजन, 9:00 बजे से प्रवचन, दलाल बाग में होते हैं। तत्पश्चात 10:00 बजे आहार चर्या होती है।