आत्म विश्वास से भरा व्यक्ति ही आत्म संतोष के साथ जीवन जीता है: मुनि श्री प्रमाण सागर महाराज
इंदौर, 10 जनवरी 2025,(न्यूजओ2 डॉट कॉम)/7724038126: मुनि श्री प्रमाण सागर का आज विहार संगम नगर से मोदी जी नासिया हो गया। महाराज ससंघ आज यहीं विराजमान हैं। आज शाम का शंका समाधान भी यहीं होगा। इसके पहले एक दिवसीय प्रवास पर प्रमाण सागर महाराज ने गुरुवार को संगम नगर में प्रवचन सभा की।
दिगंबर जैन समाज सामाजिक संसद के प्रचार प्रमुख सतीश जैन एन बताया कि मुनि प्रमाण सागर ने अपने प्रवचन में कहा एक व्यक्ति का जीवन खुशहाल और संतुष्ट होता है जब उसमें चार प्रमुख गुण होते हैं: आत्म संयम, आत्म संतोष, आत्म विश्वास, और आत्मानुशासन।
मुनि श्री ने कहा कि हमें अपने आवेग और संवेग पर नियंत्रण रखना चाहिए। जो व्यक्ति अपने अंदर आत्म विश्वास रखता है, वह जीवन के किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त करता है। यह सिद्धांत केवल लौकिक जगत में ही नहीं, बल्कि आध्यात्मिक क्षेत्र में भी उतना ही महत्वपूर्ण है। आत्म विश्वास आध्यात्मिक दृष्टि से यह समझने में मदद करता है कि “मैं एक चैतन्य, शुद्ध आत्मा हूं,” और जब यह दृष्टि मन में स्थिर हो जाती है, तब व्यक्ति अपनी चेतना को ऊंचा कर सकता है।
मुनि श्री ने अपने प्रवचन में यह भी कहा कि आत्म विश्वास और आत्म नियंत्रण व्यक्ति को न केवल बाहरी दुनिया में सफलता दिलाता है, बल्कि उसे आध्यात्मिक रूप से भी सशक्त बनाता है। जब हमें यह अहसास होता है कि “मेरी आत्मा का कोई भी नुकसान नहीं कर सकता,” तो हमें एक अद्वितीय शक्ति का अनुभव होता है।
संतों ने कहा है कि यहां न कुछ खोना है और न कुछ पाना है, परंतु हम इस सत्य को न समझकर अपने जीवन का अधिकांश समय संघर्ष में व्यतीत करते हैं। जब किसी व्यक्ति की आत्मिक दृष्टि जागृत हो जाती है, तो वह जीवन के अनुकूल और प्रतिकूल परिस्थितियों में विचलित नहीं होता और उसे आत्म संतोष प्राप्त होता है। मुनि श्री ने कहा, “न भूत की स्मृति न अनागत की अपेक्षा, भोगों को भोग मिलने पर की हो उपेक्षा।” यह विचार हमें जीवन में वैराग्य और संतुलन बनाए रखने की प्रेरणा देता है।
कार्यक्रम में मुनि श्री निर्वेग सागर महाराज, मुनि श्री संधान सागर महाराज, और अन्य संतगण मंचासीन थे। कार्यक्रम का संचालन बाल ब्र अभय भैया ने किया। इस अवसर पर मुनि श्री के पाद प्रक्षालन का सौभाग्य प्रमोद और रेशु को प्राप्त हुआ।
इस कार्यक्रम में कई महत्वपूर्ण समाजिक और धार्मिक प्रतिष्ठानों के लोग उपस्थित थे, जिनमें धर्म प्रभावना समिति के महामंत्री हर्ष जैन, संगम नगर जैन समाज के अध्यक्ष अजय जैन, सचिव राकेश सेठी, और दिगंबर जैन समाज के प्रचार प्रमुख सतीश जैन शामिल थे।