राजेश जैन दददु इंदौर,

06 अगस्त 2024

7724038126

इंदौर में अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज के चातुर्मास धर्म प्रभावना रथ के दूसरे पड़ाव के सातवें दिन हाई लिंक सिटी में भक्तामर महामंडल विधान का आयोजन भव्य भक्ति भाव के साथ किया गया। मुनि श्री ने धर्म सभा को संबोधित करते हुए संत और पंथ के झगड़ों पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि तत्वार्थ सूत्र के मंगलाचरण में उल्लेखित गुणों की प्राप्ति के लिए अरिहंत देव, शास्त्र और गुरु की भक्ति आवश्यक है। यदि किसी के मन में संत और पंथ के झगड़े उठते हैं, तो यह दर्शाता है कि वह भगवान भक्ति से अभी जुड़ा नहीं है। मुनि श्री ने कहा कि धार्मिक मार्ग पर एकांत मिथ्यात्व का दोषी व्यक्ति समाज की एकता को नुकसान पहुंचाता है।

मुनि श्री ने उदाहरण देते हुए कहा कि जैसे महाभारत में द्रोपदी का एक बार चीरहरण हुआ, वैसे ही आज मां जिनवाणी का बार-बार चीरहरण हो रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि संत और पंथ के झगड़ों से दूर रहकर ही समाज की एकता बनी रह सकती है। मुनि श्री ने सभी से आग्रह किया कि वे अहिंसा पंथ और 28 मूल गुण की बात करें और संत और पंथ के विवादों में न फंसें।

24 काव्यों के साथ 1344 अर्घ्य अर्पित

इस अवसर पर जिनेंद्र भगवान के अभिषेक और शांति धारा का सौभाग्य ओमप्रकाश मीना जैन, मनु श्रीनगर, विकास पायल रारा, गिरीश नीता रारा और संदीप यशस्वी जैन को प्राप्त हुआ। भक्तामर महामंडल विधान में आज 24 काव्यों के साथ 1344 अर्घ्य अर्पित किए गए। आचार्य अभिनंदन महाराज के चित्र का अनावरण और दीप प्रज्वलन ओम प्रकाश मीना जैन और मनु श्रीनगर ने किया। अंतर्मुखी पूज्य मुनि श्री के पाद प्रक्षालन धन सिंह जैन पिड़ावा वाले ने किया और शास्त्र भेंट का सौभाग्य मयंक कुमार जैन को मिला।

By Jitendra Singh Yadav

जितेंद्र सिंह यादव वरिष्ठ पत्रकार | आरटीआई कार्यकर्ता | राजनीतिक विश्लेषक 15+ वर्षों का पत्रकारिता अनुभव, UNI से जुड़े। Save Journalism Foundation व इंदौर वर्किंग जर्नलिस्ट्स यूनियन के संस्थापक। Indore Varta और NewsO2.com से जुड़े। निष्पक्ष पत्रकारिता व सामाजिक सरोकारों के लिए समर्पित।