सतीश जैन,इंदौर
30 जुलाई 2024
7724038126
छत्रपति नगर के दलाल बाग में मुनि श्री विनम्र सागर जी महाराज ने आज अपने प्रवचन में कहा कि जैन दर्शन के अनुसार 6 प्रकार के अनायतन होते हैं: कुदेव, कुधर्म, कुगुरु और इन तीनों को मानने वाले। उन्होंने कहा कि कुदेव, कुधर्म और कुगुरु को छोड़ना सरल है, लेकिन उनके अनुयायियों को छोड़ना बहुत मुश्किल है।
मुनि श्री ने बताया कि भले ही हम मांस का सेवन नहीं करते, लेकिन मांसाहारी लोगों के साथ रहने का असर हमारे जीवन पर पड़ता है। उन्होंने कहा कि बड़े शहर अवसरों और चुनौतियों के कारण बढ़ते हैं, लेकिन इन शहरों में निर्दयता और अमानवीयता चरम पर होती है।
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि पढ़ाई के लिए शहरों में भेजी गई बच्चियों का मन बहुत आसानी से बदल जाता है। शहर की जहरीली स्वतंत्रता के कारण बेटियां अपनी सोच और लक्ष्य में परिवर्तन कर लेती हैं।
मुनि श्री ने आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज की सराहना की, जिन्होंने बेटियों की सुरक्षा के लिए अपनी सम्पत्ति दान की और शुद्ध सात्विक भोजन की व्यवस्था की। उन्होंने कहा कि धनवान होकर भी इस कार्य के लिए धन का दान न देना हिंसा के समान है।
सतीश जैन, दिगंबर जैन समाज सामाजिक संसद के प्रचार प्रमुख ने बताया कि प्रातः गुरुदेव के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलन के बाद श्रावक-श्राविकाओं ने पूजन किया। इस अवसर पर सतीश डबडेरा, सचिन जैन, अमित जैन, आलोक बंडा, विपुल बांझल सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। मुनि श्री निस्वार्थ सागर जी महाराज ने भी मंच पर आशीर्वचन दिए। मुनि संघ के प्रवचन प्रतिदिन प्रातः 8.30 बजे से 10:00 बजे तक दलाल बाग में आयोजित किए जा रहे हैं।