इंदौर: मुनि श्री विनम्र सागर जी महाराज के प्रवचन में राष्ट्र निर्माण की बातें
सतीश जैन, इंदौर
09 अगस्त 2024
इंदौर के छत्रपति नगर के दलाल बाग में मुनि श्री विनम्र सागर जी महाराज ने आज अपने प्रवचन में भारतीय संस्कृति और राष्ट्र निर्माण के महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के हवाले से कहा कि आक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में ‘बारबेरियन’ शब्द का प्रयोग विकसित लेकिन विक्षिप्त प्रवृत्ति के लिए किया जाता है। उन्होने बताया कि एक राष्ट्र के निर्माण के लिए तीन महत्वपूर्ण तत्व होते हैं—जमीन, जनसंख्या, और मालिकाना हक। इन तीनों से राष्ट्र का शरीर बनता है और उसकी आत्मा उसकी संस्कृति से होती है।
उन्होंने भारतीय संस्कृति और इतिहास के बारे में बताते हुए कहा कि भारत का पहला नाम ‘आर्यवृत’ था, जिसे बाद में ‘इंडिया’ नाम दिया गया। उन्होने इतिहास के उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे हमारे देश की संस्कृति को नष्ट किया गया और कई बार हमारी जमीन, जनसंख्या और मालिकाना हक टूट गए। उन्होंने नालंदा और तक्षशिला की लाइब्रेरी को जलाने की घटनाओं का उल्लेख किया और कहा कि भारत को अपनी संस्कृति और भाषा की रक्षा करनी होगी।
मुनि श्री ने अपनी बातों में यह भी कहा कि छोटे होते होते हम सीमित हो गए और देश की संस्कृति छोड़ दी। उन्होंने इजराइल और जापान का उदाहरण देते हुए बताया कि अन्य देशों ने अपनी संस्कृति और भाषा को कैसे बचाया।
मुनि विनम्र सागर ने भारतीय समाज से अपील की कि वे अपने बच्चों को एनडीए में एडमिशन दिलाएं और 12वीं तक संस्कृत और सैनिक अभ्यास को अनिवार्य करें। उन्होंने ‘लव जिहाद’ और ‘फूड जिहाद’ के मुद्दे पर भी चिंता जताते हुए कहा कि संत और सैनिक ही इस देश को बचाए हुए हैं। मुनि जी ने भारतीय समाज को एक सूत्र में बांधने की बात की और कहा कि यह चारों वर्णों के लोगों की जिम्मेदारी है कि वे देश की रक्षा करें।
शनिवार को मनाया जाएगा दीक्षा दिवस
इस अवसर पर शनिवार को सुबह 8:30 बजे मुनि श्री विनम्र सागर जी महाराज का दीक्षा दिवस मनाया जाएगा। दोपहर 1:00 बजे सैनिक सम्मान समारोह और रात 8:30 बजे ‘एक शाम भक्ति और देशभक्ति के नाम’ कार्यक्रम होगा। कार्यक्रम के सूत्रधार नितेश बुरहार होंगे। इस आयोजन में मनोज बाकलीवाल, मनीष नायक, विपुल बांझल, सतीश डबडेरा, सतीश जैन, शिरीष अजमेरा, भूपेंद्र जैन, आनंद जैन, आलोक बंडा, अमित जैन समेत कई प्रमुख लोग उपस्थित रहेंगे। पूज्य मुनि श्री निस्वार्थ सागर जी भी इस कार्यक्रम में विशेष रूप से मौजूद रहेंगे।