दुनिया का कोई भी पाप करें, लेकिन बच्चों को उसमें शामिल न करें: मुनि श्री विनम्र सागर जी महाराज
सतीश जैन,इंदौर, 28 सितंबर 2024 (न्यूजओ2 डॉट कॉम)/7724038126। छोटे बच्चे सोचते हैं कि अगर पापा डांट नहीं रहे हैं, तो सब कुछ ठीक है और अगर डांट रहे हैं, तो सब गलत है। बच्चा पिता का एकतरफा भक्त होता है। यही वह समय होता है जब पिता अपने क्रोध के कारण बच्चे को विद्रोही बना देता है। क्रोध से बच्चे अनुशासित होते हैं, लोभ से भयभीत होकर काम करते हैं। बच्चों को डराकर काम करवाने से बेहतर है कि उनकी श्रद्धा और संयम के साथ विश्वास बनाए रखें। यह बातें पूज्य मुनि श्री विनम्र सागर जी महाराज ने आज संगम नगर में अपने प्रवचन के दौरान कहीं।
मुनिवर ने कहा, “मैंने कई महापुरुषों को देखा है, जो अपने चरम पर होने के बावजूद, क्रोध आने पर शालीन होते चले जाते हैं। उनकी जिंदगी बिल्कुल अलग रहती है क्योंकि वे समझते हैं कि यह उनके धैर्य की परीक्षा है।” उन्होंने यह भी कहा कि यदि घर में भय का वातावरण होगा, तो बच्चा कार्य तो कर देगा, लेकिन वह कभी आपका नहीं बन पाएगा।
मुनि श्री विनम्र सागर जी महाराज ने जैन दर्शन की प्रशंसा करते हुए कहा कि इसमें साधु समाज लोगों को सही मार्ग दिखाने में जुटे रहते हैं। सर्वज्ञ ने जो कहा, आचार्यों ने उसे ग्रंथों में लिख दिया, और जैन समाज उस मार्ग का पालन करता है। मुनिवर ने कहा, “दुनिया का कोई भी पाप करें, लेकिन बच्चों को उसमें शामिल न करें। क्रोध, लोभ या मज़ाक में भी बच्चों को कोई गलत बात न सिखाएं, तभी उनकी जिंदगी का सौंदर्य बना रह सकता है।”
इस अवसर पर सर्वतोभद्र जिनालय के शिखर पूंज बनने का सौभाग्य सिंपल जैन को प्राप्त हुआ। इस मौके पर श्री अनिल और सुनीता सेठी ने बड़ी रकम का दान दिया। संगम नगर जैन समाज के राकेश सेठी, पारस जैन, जयदीप जैन, अमित जैन, कमलेश सिंघई, सचिन भाई जी, डॉ. प्रदीप बांझल सहित कई समाज जनों ने मुनि संघ को श्रीफल समर्पित किया।धर्मसभा का सफल संचालन सतीश जैन ने किया और आभार अजय जैन ने माना।
दोपहर 4 बजे मुनि संघ का विहार दलाल बाग के लिए हो गया। वहां 29 सितंबर, रविवार को दोपहर 1:30 बजे से अखिल भारतीय सर्व धर्म सम्मेलन का आयोजन होगा। इसका विषय है “अहिंसा, शाकाहार और क्षमा—विश्व शांति का आधार”।