31 जनवरी से 2 फरवरी 2025 तक इंदौर में आयोजित
इंदौर, 28 जनवरी 2025,(न्यूजओ2 डॉट कॉम)/7724038126: विश्व संवाद केंद्र मालवा द्वारा आयोजित वार्षिक साहित्योत्सव ‘नर्मदा साहित्य मंथन’ का चौथा चरण, “अहिल्या पर्व”, 31 जनवरी से 2 फरवरी 2025 तक इंदौर में आयोजित किया जाएगा। यह आयोजन समाज के विविध पक्षों पर विचार-मंथन और वैचारिक जागरूकता को प्रोत्साहित करने का एक मंच प्रदान करेगा।
कार्यक्रम का उद्देश्य भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों, पर्यावरणीय संरक्षण, और नागरिक कर्तव्यों पर जागरूकता लाना है। साथ ही, यह आयोजन युवाओं को राष्ट्र निर्माण और समाज सुधार के प्रति प्रेरित करेगा। लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर के कृतित्व और उनके योगदान को विशेष रूप से रेखांकित किया जाएगा।
कार्यक्रम की प्रमुख झलकियां
उद्घाटन सत्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य श्री सुरेश सोनी “खंडन-मंडन की भारतीय परंपरा” पर उद्बोधन देंगे।
पहला दिन:
श्याम मनावत “विश्व कल्याण में रामराज्य की भूमिका” पर विचार साझा करेंगे।
सुश्री भारती ठाकुर लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर के महान कार्यों पर प्रकाश डालेंगी।
श्रीमती क्षमा कौल “हिंदू विस्थापन की पीड़ा” पर चर्चा करेंगी।
“मंचीय कविता का वर्तमान परिदृश्य – चिंताएं और समाधान” विषय पर अमन अक्षर, साक्षी, सुश्री शिवांगी प्रेरणा और विकास दवे विचार विमर्श करेंगे।
दूसरा दिन:
श्रीमती क्षिप्रा पाठक “पर्यावरण स्थिरता और संरक्षण में नदियों का महत्व” पर चर्चा करेंगी।
माधवेन्द्र सिंह “राष्ट्र पुनर्निर्माण में युवाओं के कर्तव्य” पर प्रेरक सत्र लेंगे।
अन्य सत्रों में “OTT के कारण सांस्कृतिक विकृति” और “कल्चरल मार्क्सवाद का परिवारों पर प्रभाव” जैसे विषयों पर चर्चा होगी।
तीसरा दिन:
जयदीप कर्णिक और अमिताभ अग्निहोत्री “पत्रकारिता के भारतीय तत्व” पर चर्चा करेंगे।
अशोक जमनानी “नर्मदा परिक्रमा” के सांस्कृतिक और पर्यावरणीय महत्व पर विचार रखेंगे।
समापन सत्र में हेमंत मुक्ति बोध संबोधन देंगे।
विशेष प्रस्तुतियां और प्रदर्शनी
प्रथम दिन रात्रि में ‘पुण्यश्लोका अहिल्या’ नृत्यनाटिका का मंचन होगा।
दूसरे दिन ‘राम: एक युगपुरुष’ नाट्य प्रस्तुति होगी।
कार्यक्रम के पहले दिन देवी अहिल्याबाई होल्कर के जीवन चरित्र पर आधारित प्रदर्शनी का उद्घाटन इतिहासकार दिलीपसिंह जाधव करेंगे।
मालवा-निमाड़ के साहित्यकारों की 15 से अधिक पुस्तकों का विमोचन भी किया जाएगा।
इस आयोजन में निमाड़ के पद्मश्री उपन्यासकार जगदीश जोशीला का सम्मान किया जाएगा। यह साहित्योत्सव साहित्य प्रेमियों के लिए ही नहीं, बल्कि समाज के हर वर्ग के लिए प्रेरणादायक और शिक्षाप्रद होगा।