इंदौर/ नई दिल्ली, 22 जून 2024
नीट और नेट परीक्षा पर गहराते विवाद के बीच केन्द्र सरकार की मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने शनिवार को एनटीए के महानिदेशक (Director General) सुबोध कुमार सिंह को हटा दिया गया है। उनके स्थान पर अब प्रदीप सिंह खरोला (आईएएस, सेवानिर्वत्त) को पद भार दिया गया है। खरोला वर्तमान में इंडिया ट्रेड प्रोमोशन एंड ऑर्गेनाइजेशन के चेयरमैन हैं । खरोला को एनटीए के महानिदेशक का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। खरोला कर्नाटक कैडर के 1985 बैच के आईएएस हैं ।
उल्लेखनीय है एनटीए द्वारा आयोजित नीट परीक्षा पत्र लीक मामले में देश भर में छात्रों के प्रदर्शन हो रहे हैं । वहीं विपक्ष के निशाने पर भी केंद्र सरकार बनी हुई है। बढ़ते विवाद के बीच शनिवार को एनटीए के महानिदेशक सुबोध कुमार सिंह को हटा दिया गया है ।
नीट परीक्षा पत्र लीक मामले में इसरो चेयरमेन के नेतृत्व में एक हाई लेवल कमेटी का भी गठन हुआ है । कमेटी NTA की कार्य प्रणाली, परीक्षा की प्रक्रिया, पारदर्शिता और डाटा सिक्योरिटी प्रोटोकॉल को बेहतर करने के लिए सुझाव देगी । हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर बीजे राव और एम्स दिल्ली के पूर्व निदेशक रणदीप गुलेरिया भी इस कमेटी में शामिल हैं।
पेपर लीक कानून लागू
इससे पहले 21 जून को केंद्र सरकार ने परीक्षाओं में गड़बड़ियों को रोकने के लिए नया पेपर लीक कानून लागू कर दिया है । हैरत है कि यह कानून संसद में फरवरी में पारित हुआ था । सरकार ने चार महीने बाद यह कानून 21 जून की रात को इसकी अधिसूचना जारी की गई है। इस कानून का नाम ‘लोक परीक्षा कानून 2024’ (Public Examination Act 2024) है ।
इस कानून के तहत सार्वजनिक परीक्षाओं में गलत तरीकों का इस्तेमाल करने पर तीन से पांच साल की सजा और 10 लाख के जुर्माने का प्रावधान है और संगठित रूप से गड़बड़ी के इस अपराध में शामिल लोगों के लिए अधिकतम 10 साल की जेल और एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।