भाजप पर सदन के भीतर लगे लोकतंत्र विरोधी होने के दाग ने झटपटाहट बढ़ाई
नेहा जैन, इंदौर
9 जुलाई 2024
मध्य प्रदेश के इंदौर पहुंचे लोक सभा अध्यक्ष (स्पीकर) ओम बिरला ने यहाँ मंगलवार को आयोजित स्थानीय कार्यक्रमों में शिरकत की। बिरला पहले भाजपा महासचिव और मप्र के कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की अगुआई में यहाँ चल रहे 51 लाख पौधारोपण कार्यक्रम में शामिल हुए। उसके बाद लोकसभा अध्यक्ष इंदौर नगर निगम द्वारा आयोजित ‘सदन की बात, लोकसभा अध्यक्ष के साथ’ कार्यक्रम में शामिल हुए। बिरला ने यहाँ अपने लगभग 20 मिनट के भाषण में लोकतंत्र और लोकतांत्रिक को 16 बार दोहराया जिससे साफ है कि विपक्ष द्वारा भाजपा पर लगाए जा रहे लोकतंत्र विरोधी होने के दाग की वजह से भाजपा में झटपटाहट है। माना जा रहा है कि यही वजह है कि बिरला अपने भाषण में लोकतंत्र और लोकतांत्रिक शब्द के इर्द गिर्द दिखाई दिये।
यहाँ बिरला तीन मोर्चों पर ज़ोर देते हुए नजर आए। पहला वे भाजपा पर लगे लोकतंत्र विरोधी होने के दाग को धोने की जद्दोजहद करते नजर आए तो दूसरा इसी क्रम में वे भारतीय जनता पार्टी के शासन, नागरिकों की अपेक्षाएँ और इसके साथ साथ नागरिक कर्तव्यों पर भी प्रकाश डालते हुए दिखाई दिये। बिरला ने यहाँ जो कुछ कहा वह इस मायने में भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है कि आखिर क्या वजह थी जो उन्होने नगर निगम जैसी स्थानीय निकाय को लेकर व्यवस्थाओं पर सुधार, बदलाव को लेकर एक तरह से सीख दी।
अपने भाषण में क्या कहा लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने
ओम बिरला लगभग 20 मिनट बोले जिसमें लगभग सवा पाँच मिनट लोकतंत्र पर बोले । बिरला ने अपने भाषण की शुरुआत और अंत भी लोकतंत्र से ही किया। ओम बिरला ने अपने भाषण की शुरुआत लोकतंत्र से करते हुए कहा कि भारत का लोकतंत्र बहुत पुराना है। आज़ादी के बाद भारत का लोकतंत्र मजबूत हुआ है। लोकतंत्र हमारे विचार,वाणी और व्यवहार में होना चाहिए। हमेशा हमने विचार विमर्श करकर, सहमति-असहमति ,आपस में चर्चा करके फैसले करने की रणनीति हमारी कार्य शैली का हिस्सा रही है और इसीलिए जब दुनिया में लोकतंत्र की बात करते हैं, तब आज भी भारत का लोकतंत्र सबसे सशक्त और मजबूत है और जितनी भी हमारी लोकतान्त्रिक संस्थाएं है, उन सभी संस्थाओं में सभी लोगों का विश्वास, भरोसा बढ़ा है। लोकतंत्र के प्रति विश्वास बढ़ा है और संस्थाओं के प्रति भी विश्वास बढ़ा है लेकिन हमारी ज़िम्मेदारी होती है कि लोकतान्त्रिक संस्थाओं के प्रति और अधिक भरोसा-विश्वास बढ़ाएं।
तंत्र जितना जवाबदेह, उतनी ही नागरिकों की अपेक्षाएँ पूरी होंगी
बिरला ने आगे कहा लोकतंत्र के अंदर चाहे नगर पालिका हो, नगर निगम हो, नगर परिषद हो। ये हमारे लोकतंत्र की सबसे मजबूत और जवाबदेही संस्था है। इन माननीय सदस्यों का सबसे ज्यादा निकट का संबंध जनता से है। इन माननीय सदस्यों का संबंध जनता की समस्याओं, उनके अभाव, उनकी कठिनाई से रहता है । जनता अपेक्षा करती है कि समस्या का समाधान हो। मेरा मानना है, जितनी जवाबदेही आपकी है तो उतनी आकांक्षा, अपेक्षा भी आपसे ही है। उन आकांक्षाओं को कैसे पूरा करें, इसके लिए हमें एक तंत्र विकसित करना होगा। इस तंत्र को जितना बेहतर करेंगे, जितना जवाबदेह बनाएँगे, उतनी ही जनता की आकांक्षा, अपेक्षा पूरी करेंगे।
स्वच्छता में अव्वल, इंदौर ने देश का नाम रोशन किया
इसके बाद ओम बिरला ने इंदौर की स्वच्छता की तारीफ करते हुए कहा कि इंदौर नगर निगम जिसकी प्रतिष्ठा पूरे देश में है। निगम का सबसे बड़ा काम स्वच्छता का है। स्वच्छता के अंदर देश के अंदर नगर निगम के माध्यम से इंदौर सबसे स्वच्छ शहर है। ये आप सब के लिए भी गौरव का विषय है। इसीलिए देश की नगर पालिका, नगर परिषद आपसे मार्गदर्शन लेने और सीखना चाहती है। जिस तरह से स्वच्छता में आप अच्छा काम कर रहे हैं। आने वाले समय में कार्बन उत्सर्जन की कमी में भी इंदौर नगर निगम प्रथम स्थान आये, ये आशा है। मुझे खुशी है कैलाश विजयवर्गीय के नेतृत्व में एक नई दिशा बनी है। पूरी दुनिया में जलवायु परिवर्तन सबसे बड़ी चुनौती है। ग्लोबल मीटिंग में महत्वपूर्ण एजेंडा जलवायु परिवर्तन होता है। हमें इस चुनौती से निपटना भी है और दुनिया को संदेश भी देना है, इसलिए हमारे प्रधानमंत्री ने दुनिया को दिशा दी है। पर्यावरण के अनुकूल हमारी जीवन शैली हो। पर्यावरण को सहेजना, संवारना, संवर्धन करने का प्रयास इंदौर ने किया है। इंदौर नगर निगम ने इसकी पहल की है।
जनता के सुझाव मार्गदर्शन का काम करते हैं
बिरला ने आगे कहा कि इंदौर मार्गदर्शन का केंद्र रहा है। आपके माध्यम से यहाँ की संस्कृतीय परंपरा भी अन्य नगर पालिका, नगर परिषद, कैसे विचार विमर्श होना चाहिए , कैसे उच्च कोटि की चर्चा होनी चाहिए , कैसे नया विचार दे सकते हैं। जनता की समस्या का कैसे समाधान कर सकते हैं। जनता की ज़िंदगियों को कैसे बेहतर कर सकते हैं। ये प्रयास हम सबने किया है। जो सबसे मजबूत सभा है, उसकी कार्यवाही भी विधान सभा स्तर की होना चाहिए। यहाँ शून्य काल, प्रश्न काल हो। सदन पूरे दिन चले। सदन की कार्यवाही के परिणाम भी दिखें। जनता का भी सदन हो। जनता के सुझाव प्राप्त करें। जनता के सुझाव मार्ग दर्शन और कार्य करने की प्रेरणा देते हैं। इंदौर ने बिजली के क्षेत्र में अपनी आत्मनिर्भरता बढ़ाने के लिए सोलर का प्लांट लगाया, ये प्रशंसनीय है।
लोकतंत्र की खासियत सहमति-असहमति है
बिरला ने अपने उद्बोधन के अंत में फिर लोकतन्त्र पर ज़ोर देते हुए कहा कि हम दुनिया में कहते हैं कि हमारे लोकतंत्र की ताकत यही है कि हमने 75 वर्ष तक लोकतंत्र के इसी माध्यम से सहमति- असहमति, अपने- अपने विचारों को व्यक्त करना, विचार धाराओं को व्यक्त करना, अपेक्षाओं- आकांक्षाओं को सदन में रखते हुए उन्हें पूरा करने का प्रयास करना, सरकार के ध्यान में विषय को लाना, समस्या का समाधान करना है। दुनिया में हम ये कह सकते हैं कि लोकतंत्र की यात्रा में एक वोट के लिए भी हमारा चुनाव आयोग चुनाव करवा रहा है। देश में 60 करोड़ से अधिक मतदान होना बड़ी बात है। दुनिया के स्पीकर सम्मेलन में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के लोकतंत्र की चर्चा की तो उन्हें अन्य देशों के स्पीकर मिले और उन्होने कहा कि ये कैसे संभव हो सकता है पूरे देश के अंदर इतनी लंबी लोकतान्त्रिक प्रक्रिया के अंदर पारदर्शिता, जवाबदेही और निष्पक्षता मिले ? हम कभी चुनाव आयोग पर प्रश्न नहीं करते हैं। भारत के लोकतंत्र की प्रणाली को सभी स्पीकरों ने सुना। कई देशों के प्रतिनिधि मण्डल इस बार आम चुनाव को देखने भारत आए।