11 अगस्त 2024

कल रात हिंडनबर्ग रिसर्च कंपनी द्वारा भारत के बड़े उधयोगपति समूह अडानी ग्रुप और वित्तीय नियामक संस्था SEBI की अध्यक्ष के बीच connection के लगे आरोपों के सनसनीखेज खुलासे के बाद विपक्ष हमलावर हो गया है। अडानी के खिलाफ शुरू से ही लामबंद नजर आ रहे विपक्ष ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट सामने आते ही ऑनलाइन और ओफलाइन मोदी सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। जहां विपक्षी नेताओं के सोशल मीडिया हैंडल X पर अडानी के

विपक्ष ने इस मामले में जेपीसी (joint parliamentary committee) की मांग की है। अडानी ग्रुप और सेबी अध्यक्ष माधबी पुरी बुच ने आरोपों का खंडन किया है। SEBI का ओफिशियल एक्स अकाउंट रात में ही बंद कर दिया गया है। इस पर भी कॉंग्रेस ने सवाल खड़े किए हैं।

विपक्ष अराजकता उत्पन्न करना चाहता है- BJP

भाजपा नेता सुधांशु त्रिवेदी ने विपक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा की भारत के अंदर विपक्ष आर्थिक अराजकता उत्पन्न करना चाहता है, चाह विषय भारत सरकार की कंपनी का हो या निजी कंपनी का हो। जब-जब संसद सत्र होता है तब ही ऐसी रिपोर्ट सामने आती है। इसके पहले भी BBC की dokumentry आई थी। मैं सवाल पूछता हूँ कॉंग्रेस विदेशी कंपनियों के साथ क्यों खड़ी रहती है ?

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे ने ट्वीट कर कहा , :SEBI ने माननीय सुप्रीम कोर्ट के समक्ष मोदी जी के परम मित्र अडानी को हिंडनबर्ग के जनवरी 2023 के ख़ुलासों में Clean Chit दी थी। आज उसी SEBI के मुखिया के तथाकथित वित्तीय रिश्ते उजागर हुए हैं। मध्यम वर्ग से संबंधित छोटे और मध्यम निवेशकों, जो अपनी मेहनत की कमाई शेयर बाजार में निवेश करते हैं, उनको संरक्षित करने की आवश्यकता है, क्योंकि वे SEBI में विश्वास करते हैं। जब तक इस महा-घोटाले में JPC जाँच नहीं होगी, तब तक मोदी जी अपने A1 मित्र की मदद करते रहेंगे और देश की संवैधानिक संस्थाएं तार-तार होती रहेंगी।”

पिछली लोक सभा में अडानी पर आरोपों को लेकर लगातार मुखर रहीं TMC सांसद महुआ मोइत्रा ने भी आज सुबह एक साथ तीन ट्वीट किए। मोइत्रा ने अडानी और सेबी अध्यक्ष के बीच संदिग्ध संबंध को लेकर सवाल उठाए हैं। उन्होने दोनों के बीच हुए tranjection को लेकर एक टाइम लाइन पेश की है:

सांसद महुआ द्वारा किया ट्वीट

जून 2015 में मधाबी पुरी बुच ने आईपीई प्लस ऑफशोर फंड में निवेश किया, जो अडानी समूह में निवेश करता है।

  • मार्च 2017 में उन्होंने अपनी संपत्ति को पति के नाम में स्थानांतरित कर दिया, सेबी में नियुक्ति से पहले।
  • अप्रैल 2017 में सेबी बोर्ड में शामिल हुए।
  • फरवरी 2018 में उन्होंने फंड हिस्सेदारी का मूल्य $872,765.18 पाया।
  • जुलाई 2019 में उनके पति धवल बुच को ब्लैकस्टोन में “वरिष्ठ सलाहकार” नियुक्त किया गया।
  • मार्च 2022 में मधाबी पुरी बुच को सेबी अध्यक्ष नियुक्त किया गया।
  • 2023-2024 में सुप्रीम कोर्ट ने अडानी समूह की जांच के लिए एक समिति की मंजूरी दी, लेकिन समिति को ऑफशोर फंड्स के एफपीआई धारकों के विवरण प्राप्त करने में असमर्थता व्यक्त की।