65 एकड़ में फैला वातानुकूलित महाकुंभ: सुविधा, संस्कार और श्रद्धा का अद्भुत संगम
Iइंदौर,29 अप्रैल 2025 । सुमतिनाथ दिगंबर जिनालय, गोधा एस्टेट स्थित सुमतिधाम में आयोजित 6 दिवसीय पट्टाचार्य महोत्सव अपने चरम पर पहुंच गया है। मंगलवार को तीसरे दिन आचार्यश्री विशुद्ध सागर महाराज ने प्रवचन में कहा, “जीवन में सब विधि का विधान है, जब तक इसे नहीं समझा जाएगा, कलह और अशांति बनी रहेगी।”
प्रवचनों में उन्होंने विधि को ब्रह्मा, ईश्वर और भाग्य से ऊपर बताया और मस्तिष्क को शीतगृह में रखने की उपमा दी, जिससे विचार सड़े नहीं, टिकें।
बुधवार का मुख्य आयोजन
बुधवार 30 अप्रैल को पट्टाचार्य पद प्रतिष्ठा समारोह का आयोजन होगा, जिसमें आचार्यश्री को गणाचार्य विराग सागर जी की आज्ञा से पट्टाचार्य पद पर प्रतिष्ठित किया जाएगा। 36 संस्कार विधियों के साथ यह आयोजन सुबह 7 बजे शुरू होगा। रात्रि में लेज़र शो, ड्रोन शो और सम्राट खारवेल नाटिका का मंचन आकर्षण का केंद्र होंगे।
तीसरे दिन के मुख्य Highlights:
12 आचार्यों को नई पिच्छी-कमंडल भेंट
11 आचार्य, 8 उपाध्याय और 140 मुनिराजों का पाद-पक्षालन
भट्टारक सम्मेलन का आयोजन, कर्नाटक से आए भट्टारक स्वामी का सम्मान
डॉ. उज्जवल पाटनी और डॉ. हुकुमचंद सांवला का प्रेरणादायी संबोधन
आचार्यश्री के सान्निध्य में शास्त्र प्रदर्शनी का उद्घाटन
क्या है पट्टाचार्य पद?
पट्टाचार्य, आचार्य के समान लेकिन संपूर्ण संघ के संचालनकर्ता होते हैं। उन्हें दीक्षा देना, अनुशासन बनाए रखना, प्रायश्चित कराना, समाधि कराना और संघ का मार्गदर्शन करना जैसे उत्तरदायित्व सौंपे जाते हैं।
बच्चों और बुजुर्गों के लिए विशेष आयोजन
बच्चों के लिए जैन गेम ज़ोन, वीआर तीर्थ दर्शन, धर्म शिरोमणि क्विज़, जैन पज़ल्स जैसी रचनात्मक गतिविधियाँ और बुजुर्गों के लिए ई-कार्ट सेवा एवं वातानुकूलित विश्रामगृह महोत्सव को सुविधाजनक और रोचक बना रहे हैं।