प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाओस की दो दिवसीय यात्रा के बाद भारत के लिए रवाना हो गए हैं। उनकी यात्रा का मुख्य उद्देश्य आसियान-भारत और पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भाग लेना था । इस शिखर सम्मेलन में भाग लेने के अलावा, प्रधानमंत्री मोदी ने लाओस के प्रधानमंत्री सोनेक्से सिपहंदोन और अन्य नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी की।
आसियान-भारत शिखर सम्मेलन का उद्देश्य आसियान देशों के साथ भारत के संबंधों की समीक्षा करना और भविष्य की दिशा तय करना था । इस शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले देशों में आसियान के 10 सदस्य देश और 8 अन्य देश शामिल हैं, जिनमें ऑस्ट्रेलिया, चीन, भारत, जापान, दक्षिण कोरिया, न्यूजीलैंड, रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल हैं।
प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा का महत्व इस बात से भी बढ़ जाता है कि यह उनकी एक्ट ईस्ट नीति के 10 वर्ष पूरे होने का अवसर है। इस नीति के तहत, भारत ने आसियान देशों के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने के लिए काम किया है।