मंत्री प्रहलाद पटेल ने इंदौर में भाजपा के संकल्प पत्र का किया विमोचन
मोदी की गारंटी के बीच इलेक्ट्रोरल बॉन्ड घोटाले ने मचाया खलल
मुख्य धारा की मीडिया में खबर छपे या न छपे लेकिन भाजपा का पीछा कर रहे हैं तीखे सवाल
इंदौर
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश सरकार में पंचायत और ग्रामीण विकास श्रम मंत्री प्रहलाद पटेल वैसे तो आज इंदौर में पार्टी का प्रचार- प्रसार करने पहुंचे थे। इसी सिलसिले में यहाँ भाजपा द्वारा आयोजित प्रेस वार्ता में पटेल ने मोदी की गारंटी नामक संकल्प पत्र का विमोचन किया। जहां पटेल मोदी सरकार की उपलब्धियों का बखान कर रहे थे, वहीं पूरे समय पटेल इलेक्ट्रोरल बॉन्ड घोटाला, असंतुष्ट किसान, श्रम क़ानूनों को शिथिल किए जाने जैसे ज्वलंत प्रश्नों से बचते नजर आए। दरअसल आजकल देखा जा रहा है कि भाजपा के नेता, मंत्री या तो सवालों का जवाब देने से बचते हैं, या फिर किसी भी प्रश्न का सीधा उत्तर न देकर विपक्षी दल कांग्रेस पर आरोप लगाकर अपने आगे बढ़ जाते हैं ।
पटेल से जब पूछा गया जिन भ्रष्टाचारियों पर ईडी/ सीबीआई का छापा पड़ रहा है, वे भाजपा में शामिल हो रहे हैं। भ्रष्टाचार मिटाने क्या भ्रष्ट भाजपाइयों पर भी छापे पड़ेंगे, जिसके जवाब में पटेल ने गोल मोल उत्तर देते हुए कहा 2014 के पहले कोई भी व्यक्ति विशेष कर चौथा स्तम्भ ये मानने तैयार नहीं था कि बिचौलिया समाप्त हो सकता है। लेकिन डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर में बिचौलिया समाप्त हो गया। भ्रष्टाचार करने वाले की कोई जाति- पाती नहीं होती। जो भ्रष्टाचार करेगा, सजा मिलेगी। जब पत्रकार ने क्रॉस सवाल किया कि लेकिन भाजपा ने ऐसे भ्रष्टों को टिकट दी है ? इस सवाल को मंत्री जी अनसुना कर आगे बढ़ गए।
इसी तरह इलेक्ट्रोरल बॉन्ड को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पति और ख्यात अर्थशास्त्री परकला प्रभाकर द्वारा देश का अब तक का सबसे बड़ा घोटाला करार दिये जाने के प्रश्न का जवाब देते हुए पटेल ने कहा , ‘जो भी चीजें हैं, जनता के सामने आ रही हैं। हम इस पर डिबेट के लिए भी तैयार हैं । जो बेहतर हो सकता है, वह करेंगे। लेकिन ये याद रखिए ये मोदी सरकार है जो कदम बढ़ाती है। कांग्रेस इस देश में कभी भी नैतिक साहस नहीं जुटा सकती। ये भी इतिहास है, जो कोई मेट नहीं सकता।‘
20 साल में रोजगार बढ़ाने के अवसर देने के लिहाज से तमाम औधयोगिक घरानों को सरकारी ज़मीनें रिआयती दाम पर देने के बावजूद जमीन खपत के अनुपात में रोजगार नहीं बढ़ा बल्कि श्रमिकों का शोषण बढ़ गया और कई कंपनियाँ पीएफ का पैसा भी नहीं जमा करा रही हैं ? इस प्रश्न पर श्रम मंत्री जरा चौके और कहा कि वे मान ही नहीं सकते कि ऐसा हो सकता है। उन्होने कहा, मुझे लगता है कोई व्यक्तिगत मामला हो तो निश्चित रूप से उसके खिलाफ कार्यवाही होगी। मैं मप्र का श्रम मंत्री हूँ। मैंने देश भर में मजदूरों के लिए काम किया है। देश की आजादी के 65 साल में जो काम नहीं हो सके वो मोदी सरकार ने दो साल के भीतर किए हैं और अभी जो शेष बचे काम हैं, वे संकल्प पत्र के हिस्से हैं। जल्दी पूरे होंगे। मोदी देश के पहले प्रधानमंत्री हैं जिनहोने देश के श्रमिकों को युनीक आइडेंटिटी नंबर दिया। जो बात आप कह रही हैं वो संभव नहीं है, कोई कर ही नहीं सकता।https://newso2.com/?p=1645