..तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समकक्ष पहुँच गए हैं रणनीतिकार प्रशांत किशोर !
वर्ष 2014 में भारतीय जनता पार्टी और खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पक्ष में चुनावी रणनीति बनाकर सुर्खियों में आए प्रशांत किशोर का पिछले एकदशक का करियर खासा चर्चा में रहा है। हाल ही में बिहार की जमीन पर अपने लिए राजनीतिक जगह तलाश रहे किशोर बिहार की तस्वीर बदलने का दावा करते हैं। साफ तौर पर प्रशांत किशोर मुख्यमंत्री जैसे पद की लालसा से इंकार करते हैं लेकिन बिहार में जनसुराज के नाम से शुरू की गई पदयात्रा के बनिस्बत वो आगामी विधान सभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। मजे की बात ये है कि राजनीतिक पार्टियों का चुनाव के दौरान छवि प्रबंधन करने वाले प्रशांत किशोर की छवि इन दिनों संकट में है।
चौतरफा आलोचना का शिकार हो रहे प्रशांत किशोर इस चुनावी मौसम में देश के लगभग सभी मुख्य धारा के टीवी चैनलों में इंटरव्यू देकर छाए हुए हैं। वर्ष 2002 में गुजरात दंगों के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को पानी पिलाने वाले जाने माने पत्रकार और न्यूज एंकर करण थापर ने 2024 में बीते दिनों प्रशांत किशोर को भी अपने तीखे सवालों से न केवल उत्तेजित किया , अपना आपा खोने पर मजबूर किया और इतना ही नहीं किशोर भी करण थापर के सामने पानी पीते नजर आए। इसी इंटरव्यू की वजह से प्रशांत किशोर स्वतंत्र मीडिया यानि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी आलोचनात्मक रूप से छाए रहे। मसलन 2024 के लोक सभा चुनाव में मीडिया माध्यमों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद बीते कुछ दिनों में सर्वाधिक फुटेज प्रशांत किशोर को ही मिला है। वो कहते हैं न, प्रसिद्धि चाह सकारात्मक हो या नकारामक हो, एक राजनेता के लिए प्रसिद्धि तो प्रसिद्धि ही है। इस तरह कहा जा सकता है कि नकारामक प्रसिद्धि के मामले में 2002 की तरह 2024 में प्रशांत किशोर मोदी के समकक्ष खड़े हुए हैं।
उल्लेखनीय है चौथे चरण के बाद से ही प्रशांत किशोर भाजपा के पक्ष में भविष्यवाणी की थी कि इस बार मोदी सरकार बन रही है। इसके बाद करण थापर के साथ दिये एक इंटरव्यू में वे ट्रैप हो गए थे।