राज्यपाल ने प्रो. सिंघई को देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर का कुलगुरु किया नियुक्त
डीएवीवी में लगातार तीसरी बार जैन कुलगुरु ….!
इंदौर, 28 सितंबर 2024 (न्यूजओ2 डॉट कॉम)/7724038126। राज्यपाल एवं कुलाधिपति मंगुभाई पटेल ने देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर के कुलगुरु के पद पर प्रोफेसर राकेश सिंघई को नियुक्त किया है। यूनिवर्सिटी इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, (राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय) शिवपुरी के निदेशक प्रोफेसर सिंघई का देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर के कुलगुरु के पद पर कार्यकाल उनके कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से चार वर्ष की कालावधि अथवा 70 वर्ष की आयु जो भी पूर्वतर हो, रहेगा। प्रोफेसर सिंघई की नियुक्ति से देवी अहिल्या विश्व विध्यालय को लगातार तीसरी बार जैन समुदाय से आने वाले कुलगुरु का नेतृत्व मिला है। प्रो. सिंघई के पहले मौजूदा कुलगुरु प्रोफेसर रेणु जैन, जैन के पहले प्रो नरेंद्र धाकड़ कुलगुरु रह चुके हैं।
जबलपुर निवासी प्रोफेसर सिंघई एक व्यापक शैक्षणिक पृष्ठभूमि के साथ आए हैं। उन्होंने स्थानीय कॉलेज से इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार में इंजीनियरिंग की डिग्री (बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग) प्राप्त की और बाद में IIT दिल्ली से MTech और PhD की डिग्री हासिल की। उनका शिक्षण करियर भोपाल के सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज में व्याख्याता के रूप में शुरू हुआ, जिसे बाद में राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (RGPV) में अपग्रेड किया गया। 2020 में, उन्होंने SIT, एक नवस्थापित संस्थान के संस्थापक निदेशक के रूप में कार्यभार संभाला।
प्रो रेणु जैन कार्यकाल पूर्ण करने वाली पहली कुलगुरु
देवी अहिल्या विश्वविध्यालय के बीते दो दशक पर नजर डालें तो मौजूदा कुलगुरु प्रोफेसर रेणु जैन यहाँ की पहली कुलगुरु बनी हैं जिन्होने अपना चार साल का कार्यकाल न केवल पूरा किया अपितु एक वर्ष अतिरिक्त प्रभारी कुलगुरु के पद पर रहीं। प्रोफेसर जैन डीएवीवी की पहली महिला कुलगुरु भी रही हैं। प्रो रेणु जैन ग्वालियर से इंदौर पदस्थ हुई थीं। प्रो रेणु जैन के पहले नरेंद्र धाकड़ कुलपति थे। जिनके कार्यकाल में धारा 52 लगाकर हटाया गया था।
बाहरी बनाम स्थानीय कुलगुरु की छिड़ी थी चर्चा
देवी अहिल्या विश्वविध्यालय के कुलगुरु के लिए बाहरी बनाम स्थानीय कुलगुरु की नियुक्ति चर्चा का विषय था। मिली जानकारी के मुताबिक 12 लोगों के साक्षात्कार कुलगुरु के लिए हुए थे, जिनमें चार इंदौर के भी प्रोफेसर थे। लेकिन बाजी प्रोफेसर सिंघई मार गए। इसके पहले डॉ रेणु जैन भी ग्वालियर की रही हैं।