कलेक्टोरेट जनसुनवाई में आवेदन के टोकन लेने लगी लंबी कतार

जनसुनवाई में सैकड़ों फरियादी पहुंचे

इंदौर,19 नवंबर 2024 (न्यूजओ2 डॉट कॉम)/7724038126: इंदौर कलेक्टोरेट में आज आयोजित जनसुनवाई में सैकड़ों फरियादी अपनी समस्याएं लेकर पहुंचे। अधिकतर मामले मकान पर कब्जे, बिना नोटिस के निर्माण तोड़ने, शराब दुकान बंद कराने, आर्थिक मदद, धोखाधड़ी के पहुंचे। कलेक्टर आशीष सिंह ने कई समस्याओं का मौके पर समाधान किया तो कई शिकायतों को समय सीमा में निपटाने के अधिकारियों को निर्देश दिये। कई पीड़ितों/ फरियादियों को आर्थिक मदद भी की गई ।

शराब दुकान हटाने की मांग

बंगाली चौराहा क्षेत्र स्थित किशिकंधा अपार्टमेंट के नागरिकों ने कलेक्टर से बंगाली चौराहा स्थित शराब दुकान का आवंटन निरस्त करने की गुहार की। रहवासियों ने बताया कि शराब दुकान के साथ अवैध अहाता संचालित किया जा रहा है। जिसके कारण महिलाओं से छेड़छाड़ और अभद्रता की घटनाएं बढ़ गई हैं, जिससे वे असुरक्षित महसूस करती हैं। अपार्टमेंट के अध्यक्ष कपिल मिश्रा ने कहा शराबी लोग रात में उत्पाद मचाते हैं। किसी दिन कोई बड़ी घटना हो सकती है। पीडित सविता रोकड़े ने बताया कि हाल ही में उन्हें उस क्षेत्र में असामाजिक तत्वों द्वारा छेड़ा गया था, जिसकी शिकायत खजराना थाने में दर्ज है। उन्होने बताया आवागमन का एक ही रास्ता है। उत्पादी तत्व महिलाओं के पीछे पीछे उनके घर तक आते हैं, विरोध करने पर गायब करने की धमकी देते हैं।

श्रीनगर मेन क्षेत्र में सुविधाओं की कमी

श्रीनगर मेन के निवासी, वरिष्ठ नागरिक शरद बारोट ने क्षेत्र में फैले केबल तारों, फुटपाथ पर उखड़े हुए पेवर ब्लॉक, और जमीनों में चूहों के बिल के कारण हुए गड्ढों जैसी समस्याओं का आवेदन दिया। उन्होंने बताया कि जून 2024 से अब तक सीएम हेल्पलाइन और निगम की 311 ऐप पर शिकायतें की गईं, लेकिन समस्याओं का समाधान नहीं हुआ।

अंकुर रिहेब सेंटर का बिल नहीं भरा तो पीड़ित को ठंड में नहीं दिये गरम कपड़े

एक महिला अपनी बेटी के साथ जनसुनवाई में पहुंची। उन्होंने बताया कि उनका 20 वर्षीय बेटा मानसिक रोग से पीड़ित है और अंकुर रिहेब सेंटर में भर्ती है। चार महीने में 1 लाख 35 हजार रुपये का बिल बन गया है। आर्थिक तंगी के कारण वे शेष 95 हजार रुपये का भुगतान करने में असमर्थ हैं। महिला ने अंकुर रिहेब सेंटर पर आरोप लगाया कि भुगतान न करने पर उनके बेटे को ठंड में जैकेट पहनने से रोका गया और खाने-पीने से भी वंचित करने की धमकी दी गई। कलेक्टर ने मामले में संज्ञान लेते हुए रेड क्रॉस से 30 हजार रुपये की सहायता प्रदान की।

किसी को शिक्षा, रोजगार तो किसी को इलाज के लिए सहायता मिली

जनसुनवाई में कलेक्टर आशीष सिंह ने संवेदनशीलता के साथ नागरिकों की समस्याएं सुनीं। मौके पर कई समस्याओं का समाधान किया गया, जबकि शेष मामलों के लिए समय-सीमा तय की गई। कलेक्टर ने निर्देश दिए कि सभी आवेदन सीएम हेल्पलाइन में दर्ज किए जाएं और उनका सकारात्मक निराकरण सुनिश्चित किया जाए।

आर्थिक सहायता प्रदान की गई

कलेक्टर ने चंदन, गुंजा तेजी, और कमल वर्मा को व्यवसाय शुरू करने के लिए 10-10 हजार रुपये की सहायता दी। प्रभा नेभनानी को उनके पुत्र के इलाज के लिए 30 हजार रुपये, जबकि गायत्री मिश्रा और हिरालाल वर्मा को 10-10 हजार रुपये की तात्कालिक सहायता दी गई।

समस्याओं का फॉलोअप होगा सुनिश्चित


कलेक्टर सिंह ने कहा कि जनसुनवाई में आए सभी आवेदनों का फॉलोअप किया जाएगा और समस्याओं का समाधान समय-सीमा में सुनिश्चित किया जाएगा। विकेंद्रीकृत प्रणाली के तहत फरियादियों ने सीधे अधिकारियों के कक्ष में जाकर अपनी समस्याएं रखीं। सभी विभागीय अधिकारियों ने समस्याओं को गंभीरता से सुनकर समाधान की प्रक्रिया शुरू की।

By Neha Jain

नेहा जैन मध्यप्रदेश की जानी-मानी पत्रकार है। समाचार एजेंसी यूएनआई, हिंदुस्तान टाइम्स में लंबे समय सेवाएं दी है। सुश्री जैन इंदौर से प्रकाशित दैनिक पीपुल्स समाचार की संपादक रही है। इनकी कोविड-19 महामारी के दौरान की गई रिपोर्ट को देश और दुनिया ने सराहा। अपनी बेबाकी और तीखे सवालों के लिए वे विख्यात है।