तो प्रॉपर्टी पर अब 11 लाख की वजाय लगेगा 40 लाख का टैक्स…!
इंडेक्सेशन हटाने से रियल एस्टेट सेक्टर को होगा बड़ा नुकसान
आम आदमी पार्टी नेता व सीए राघव चड्डा ने उठाए सवाल
इंडेक्सेशन के लाभ को यथावत रखने की मांग
26 जुलाई 2024
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य राघव चड्डा ने सदन में आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से इंडेक्सेशन के लाभ को हटाए जाने पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होने केंद्र सरकार के द्वारा आम बजट में की गई इस घोषणा की आलोचना की है। चड्डा ने कहा कि वित्त मंत्री ने संपत्ति के विक्रय पर इंडेक्सेशन के लाभ को हटा दिया है। इसके साथ ही सरकार ने कैपटल गेन टैक्स को 20 फीसदी के वजाय साढ़े 12 फीसदी करने की घोषणा की है ।
राघव चड्डा ने उदाहरण देते हुए कहा कि मान लीजिये आपने एक मकान 2001 में एक करोड़ में खरीदा है। आज उसकी कीमत बढ़कर 4 करोड़ 17 लाख रु हो गई है। पुराने नियम के मुताबिक इंफलेशन इंडेक्स के हिसाब से मकान की कीमत 3 करोड़ 60 लाख बनेगी। मकान बेंचने वाले को 54 लाख रु का मुनाफा हुआ, ऐसा माना जाएगा। अब 20 फीसदी की दर से 54 लाख रु पर 10 लाख 80 हजार टैक्स बनता है। जबकि नए नियम के मुताबिक कैपटल गेन टैक्स के लिए लाभ की गणना खरीदी मूल्य में से बिक्री मूल्य को घटाकर की जाएगी। यानि एक करोड़ रु की मूल्य खरीदी पर अब लाभ 3.70 करोड़ रु माना जाएगा। अब 3.70 करोड़ रु साढ़े 12 प्रतिशत के हिसाब से 39.69 लाख रु टैक्स देना होगा। चड्डा ने ज़ोर दिया कि इंडेक्सेशन हटा देने से बाजार में काले धन की मात्रा बढ़ेगी।
इससे निवेशक भी होंगे हतोत्साहित
आम आदमी पार्टी के नेता ने कहा कि पूरी दुनिया निवेशकों को प्रोत्साहित करती है । उन्हें निवेश पर इन्सेंटिव देती है। हमारे यहाँ इसका उल्टा हो रहा है। उन्होने आगे समझाते हुए कहा कि समय के साथ महंगाई पैसे को खा जाती है। ‘ cost of acquisition’ को इंडेक्स करके केपिटल गेन टैक्स की गणना इसी को ध्यान रखते हुए की जाती थी। प्रॉपर्टी सेल पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स को 20 फीसदी से घटाकर साढ़े 12 प्रतिशत करने से कोई फायदा नहीं होगा। चड्डा ने इस बदलाव का विरोध किया और उन्होने सरकार से इसे वापस लेने की मांग की।
ब्लैक मनी को कैसे मिलेगा बढ़ावा
चार्टड अकाउंटेंट राघव चड्डा ने कहा कि अगर सरकार इंडेक्सेशन को वापस लागू नहीं करती है तो इससे रियल एस्टेट सेक्टर में ब्लैक मनी को बढ़ावा मिलेगा। उन्होने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इससे रियल एस्टेट सेक्टर प्रतिकूल रूप से प्रभावित भी होगा। उन्होने कहा कि इस तरह के नुकसान से बचने के लिए लोग असल कीमत की जगह कागजी तौर पर सर्किल रेट पर क्रय-विक्रय करेंगे।