पत्रकारों को चैंबर में किया बंद, दर्ज कराया विरोध, प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने भी की निंदा
29 जुलाई 2024
सदन के नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने आज लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से सदन के भीतर हाथ जोड़ते हुए कहा कि बेचारे मीडिया वालों को कैद किया हुआ है, उन्हें पिंजरे से बाहर निकालिए। दरअसल गांधी व्यंग्यात्मक अंदाज में लोकसभा को कवर करने वाले उन मीडिया कर्मियों की बात कर रहे थे, जिन्हें एक नई व्यवस्था के तहत मकर द्वार से कवरेज़ न किया जाकर एक काँच के चैंबर में बंद कर दिया गया था। इस व्यवस्था का प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने भी विरोध करते हुए प्रेस को स्वतंत्र किए जाने की मांग की है।
सदन के भीतर का घटनाक्रम
आज राहुल गांधी ने अपने भाषण में व्यंग्यात्मक अंदाज में केंद्र सरकार पर चक्रव्यूह बनाने के आरोप लगाये और अपने भाषण के अंत में उन्होने कहा “एक और चक्रव्यूह आपने बना दिया है सर। मीडिया वालों को आपने पिंजरे में बंद कर दिया है… उन्हें बाहर निकाल दीजिए प्लीज़।”
इसके बाद स्पीकर ओम बिरला ने राहुल गांधी से कहा कि वो सदन के नियम पूरे पढ़ लें। बिरला ने कहा कि सदन की व्यवस्था स्पीकर अपने विवेकानुसार करता है, उस पर कोई सदस्य टिप्पणी नहीं कर सकता। राहुल फिर खड़े हुए और कहा, “सर, बेचारे मीडिया वाले हैं…”
लोक सभा अध्यक्ष ने तुरंत हस्तक्षेप करते हुए कहा , “बेचारे नहीं हैं वे, बेचारे शब्द का इस्तेमाल न करें, उनके लिए।”
राहुल ने ख़ुद को ‘करेक्ट’ करते हुए कहा, “अच्छा, तो ये जो नॉट-बेचारे मीडिया वाले हैं। उन्होंने मुझसे कहा है कि आपसे हाथ जोड़कर कहूं कि उनको निकलने दें। वो बहुत परेशान हैं। ” सभापति ओम बिरला ने अपनी बात दोहराई कि सदन की व्यवस्था पर टिप्पणी न की जाए। दरअसल सदन के भीतर जाने के पहले राहुल गांधी एक ग्लास के चैंबर में बंद पत्रकारों से मिले। इसके बाद उन्होने सदन में उन्हें कैद करने का आरोप सत्ता पक्ष पर लगाया। सदन से बाहर निकलने के बाद भी गांधी पत्रकारों से मिलकर अपनी गाड़ी में बैठ रवाना हुए। आपको बता दें कि इसके पहले सदन कवर करने वाले पत्रकार यहाँ मकर द्वार पर नेताओं/ सांसदों से चर्चा करते हैं लेकिन आज ये द्वार बंद कर मीडिया कर्मियों को एक काँच के चैंबर में बंद कर दिया गया था।
खबर लिखे जाने तक लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मीडिया कर्मियों से बातचीत की है। माना जा रहा है कि इसके बाद मीडिया कर्मियों पर लगी पाबंदी कुछ हद तक शिथिल हो सकती है। आपको बता दें कि लोकसभा कवर करने वाले मीडिया कर्मियों पर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने सदन के भीतर पूर्णत: प्रतिबंध लगा दिया था, जिसके बाद से सदन की कार्यवाही लोकसभा और राज्यसभा टेलीविज़न के माध्यम से ही मीडिया प्रसारित करती है। इन दिनों लोकसभा और राज्यसभा में इंडिया गठबंधन का नेतृत्व कर रहे कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष सदन टीवी पर पक्षपात करने का आरोप भी लगाते रहे हैं। स्वयं राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खडगे सदन की कार्यवाही के दौरान विपक्ष के नेताओं को फुटेज नहीं दिये जाने का मुद्दा उठाते रहे हैं। उल्लेखनीय है कि इससे पहले 16 वीं लोकसभा के दौरान राहुल गांधी सदन में उनकी आवाज दबाने का आरोप भी सत्ता पक्ष पर लगाते रहे हैं।