रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आर्मी वॉर कॉलेज, महू में अधिकारियों को किया संबोधित
इंदौर, 30 दिसंबर 2024,(न्यूजओ2 डॉट कॉम)/7724038126: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज मध्य प्रदेश के इंदौर के महू स्थित आर्मी वॉर कॉलेज (एडब्ल्यूसी) में अधिकारियों को संबोधित करते हुए आधुनिक युद्ध और बदलती प्रौद्योगिकी के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “आज के समय में सीमांत प्रौद्योगिकियों में महारत हासिल करना आवश्यक है। हमारे सैन्य प्रशिक्षण केंद्र भविष्य की चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।”
रक्षा मंत्री सिंह ने युद्ध के बदलते स्वरूप, जैसे सूचना युद्ध (Information war), आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित युद्ध, छद्म युद्ध (Proxy warfare), विद्युत-चुंबकीय युद्ध electromagnetic warfare), अंतरिक्ष युद्ध (space war) और साइबर हमलों (cyber attacks) पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इन गैर-परंपरागत तरीकों (unconventional method) से निपटने के लिए सेना को बेहतर प्रशिक्षण और आधुनिक उपकरणों से लैस होना चाहिए।
रक्षा निर्यात 21 हजार करोड़ तक पहुंचा, 2029 तक 50 हजार करोड़ का लक्ष्य
रक्षा मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, “भारत तेजी से एक विनिर्माण केंद्र के रूप में उभर रहा है। सैन्य दृष्टि से हम न केवल आधुनिक हथियारों से लैस हो रहे हैं, बल्कि मेड-इन-इंडिया उपकरणों का निर्यात भी कर रहे हैं। हमारा रक्षा निर्यात, जो एक दशक पहले 2,000 करोड़ रुपये था, अब 21,000 करोड़ रुपये के पार पहुंच गया है। हमारा लक्ष्य 2029 तक इसे 50,000 करोड़ रुपये तक ले जाना है।”
महू के प्रशिक्षण केंद्रों की सराहना
रक्षा मंत्री ने महू के सैन्य प्रशिक्षण संस्थानों, जैसे एडब्ल्यूसी, इन्फैंट्री स्कूल, और मिलिट्री कॉलेज ऑफ टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियरिंग (एमसीटीई) के योगदान की सराहना की। उन्होंने अधिकारियों से इन केंद्रों में इंटीग्रेशन और प्रशिक्षण के जरिए भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार रहने का आग्रह किया।
आत्मनिर्भर भारत की दिशा में योगदान
रक्षा मंत्री सिंह ने कहा कि अधिकारी जब रक्षा अताशे के रूप में काम करेंगे, तो उन्हें आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को बढ़ावा देना होगा। उन्होंने कहा, “आत्मनिर्भरता के माध्यम से ही हम अपनी रक्षा क्षमताओं को मजबूत कर सकते हैं और विश्व मंच पर सम्मान बढ़ा सकते हैं।”
सुरक्षा और आर्थिक विकास का आपसी संबंध
रक्षा मंत्री सिंह ने सुरक्षा और आर्थिक विकास को एक-दूसरे का पूरक बताते हुए कहा कि 2047 तक भारत न केवल एक विकसित राष्ट्र बनेगा, बल्कि उसकी सशस्त्र सेनाएं भी दुनिया की सबसे मजबूत सेनाओं में से एक होंगी।
बाबा साहेब के आदर्शों पर जोर
रक्षा मंत्री ने डॉ. बी.आर. अंबेडकर के योगदान का उल्लेख करते हुए अधिकारियों से उनके मूल्यों और आदर्शों को आत्मसात करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि युवाओं को बाबा साहेब के विचारों से प्रेरणा लेनी चाहिए। इससे पहले, रक्षा मंत्री ने इन्फैंट्री मेमोरियल पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने एमसीटीई में क्वांटम और एआई लैब का दौरा किया और इसे आधुनिक युद्ध की दिशा में सकारात्मक कदम बताया। इस अवसर पर थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी सहित सेना के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।