अंग्रेजी भाषा हमारी भाषाओं को निगल गई: विनम्र सागर
इंदौर, 28 जनवरी 2025,(न्यूजओ2 डॉट कॉम)/7724038126:“अंग्रेजी भाषा ने हमारी तीनों भाषाओं – प्राकृत, संस्कृत और हिंदी को खा लिया। आज हमें अपनी मातृभाषा को जीवित रखने का संकल्प लेना चाहिए।” यह उद्गार मुनि श्री विनम्र सागर महाराज ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर कालानी नगर स्थित त्रिमूर्ति जैन मंदिर में व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि भारत का संविधान 26 जनवरी 1950 को अस्तित्व में आया। यह बाबा साहेब अंबेडकर के नेतृत्व में तैयार किया गया, लेकिन आज संविधान केवल एक पुस्तक बनकर रह गया है। धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष के आधार पर निर्मित संविधान समय के साथ कई बार संशोधित हुआ है। स्वतंत्रता संग्राम में 23 लाख लोगों की कुर्बानी के बाद हमें आजादी मिली, लेकिन उस समय के संविधान और आज के संविधान में जमीन-आसमान का अंतर है।
मुनिश्री ने कहा कि चीन को भारत से दो साल बाद स्वतंत्रता मिली थी, लेकिन उसने केवल अपनी भाषा को अपनाकर बड़ा साम्राज्य खड़ा कर लिया। उन्होंने कहा, “हमें चीन से प्रेरणा लेनी चाहिए। हमने अंग्रेजी भाषा को महत्व दिया, जिसने हमारी प्राकृत, संस्कृत और हिंदी भाषाओं को खत्म कर दिया। इससे हमारी संस्कृति और सोचने का तरीका बदल गया।”
उन्होंने मातृभाषा, भूषा, भजन और भोजन को सुरक्षित रखने की अपील करते हुए कहा कि राष्ट्रीयता की भावना को जागृत करना आवश्यक है। धर्म बाद में है, पहले राष्ट्र है।
गणतंत्र दिवस पर सांस्कृतिक कार्यक्रम और सम्मान
दिगंबर जैन समाज सामाजिक संसद के प्रचार प्रमुख सतीश जैन ने बताया कि गणतंत्र दिवस के अवसर पर मंदिर प्रांगण में झंडा वंदन किया गया। श्री शांतिनाथ दिगंबर जैन ज्ञानोदय विद्या पाठशाला के बच्चों ने मनमोहक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि पार्षद श्रीमती शिखा दुबे एवं संदीप दुबे रहे। इस अवसर पर स्व. लेफ्टिनेंट गौतम जैन की माताजी श्रीमती सुधा जैन और बड़े भाई डॉ. सिद्धार्थ जैन का सम्मान किया गया। कार्यक्रम में सतीश डबढेरा, प्रमोद जैन सीए, सतीश जैन, राहुल जैन स्पोर्ट्स, अशोक गंगवाल, अमित जैन, मनीष जैन, आलोक बंडा समेत समाज के कई गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन राकेश सिंघई ने किया और आभार प्रदर्शन प्रदीप बल्ला ने किया।