दसलक्षण पर्व का आज चौथा दिन: उत्तम शौच धर्म:
इंदौर,11 सितंबर 2024 (न्यूजओ2 डॉट कॉम)/7724038126।
शौच का अर्थ है शुचिता या निर्मलता। जब क्रोध कम होता है, तो भीतर कोमलता आ जाती है, और हम बाहर और भीतर से सरल होने का प्रयास करते हैं। लोभ, तुलना, डर, और हिंसा को जन्म देता है, जिससे भीतर बेचैनी हो जाती है। हम डर, हिंसा और तुलना के बीच में दौड़ते रहते हैं, कभी अपने लिए, कभी अपनों के लिए। शौच धर्म को चार विकल्पों में परिभाषित किया गया है – जीवन, आरोग्य, इंद्रिय सुख और उपभोग। उक्त प्रेरणादायक उद्गार मुनि श्री विनम्र सागर महाराज ने छत्रपति नगर के दलाल बाग में व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि हम कभी अपने लिए, कभी अपनों की रक्षा के लिए एलोपैथिक हिंसात्मक गोलियों का सेवन करते हैं। एलोपैथिक दवाओं का प्रयोग पहले जानवरों पर किया जाता है, जिसमें उनकी मृत्यु भी हो सकती है। हमें जीवित रहना है, पर किसी की जान लेकर नहीं। इसलिए, एलोपैथिक दवाओं को त्याग कर आयुर्वेद को अपनाओ। उन्होंने कहा कि दादी मां के हजारों नुस्खे हैं। विकास बुरा नहीं है, लेकिन विकास के नाम पर किसी की मृत्यु नहीं होनी चाहिए। मुनि श्री ने आगे कहा, “संसार मत छोड़ो, पर इसमें लोभ से ग्रस्त मत होइए। अपनी आय का सही दिशा में उपयोग करें। समय रहते एक उपक्रम करो, मरने से पहले एक प्रतिमा स्थापित कर दो। यदि उसकी पूजा होती रहेगी, तो उसका पुण्य आपको मरने के बाद भी प्राप्त होगा।”
समाज के प्रचार प्रमुख सतीश जैन ने बताया कि आज सुबह गुरुदेव के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन के बाद शिविरार्थियों ने गुरुदेव की आठ द्रव्यों से पूजन की। आज के पुण्यशाली परिवारों में अनिल जैन ‘जैनको’, उमा-शांति कुमार जैन, आगरा; कांता-कमलेश जैन, आगरा; विनय चौधरी परिवार, इंदौर शामिल थे। इन सभी ने एक बड़ी राशि दान स्वरूप दी।
प्रातः 5:00 बजे से ही मांगलिक क्रियाएं प्रारंभ हो गई थीं। दोपहर 2:15 बजे से तत्वार्थ सूत्र का वाचन हुआ और रात्रि 7:00 बजे संगीतमय आरती का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विपुल बांझल, सचिन जैन, राकेश सिंघई, अखिलेश सोधिया, सुमित प्रकाश जैन, मनीष नायक, सतीश डबडेरा, आनंद जैन, कमल अग्रवाल, अमित जैन, शिरीष अजमेरा, भूपेंद्र जैन, आलोक बंडा सहित समाज के अनेक सदस्य उपस्थित थे।
मुनि श्री निस्वार्थ सागर जी, निसर्ग सागर जी और क्षुल्लक श्री हीरक सागर जी भी मंच पर विराजमान थे। आचार्य श्री जी की पूजन के पश्चात सुबह 9:00 बजे मुनि श्री जी के प्रवचन दलाल बाग में आयोजित किए गए। धर्मसभा का सफल संचालन ब्रह्मचारी मनोज भैया ने किया।