हाल के महीनों में सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) से निवेशकों का रुझान घटता दिख रहा है। आंकड़े बताते हैं कि SIP स्टॉपेज रेशियो में लगातार वृद्धि हो रही है:

  • सितंबर 2024 में स्टॉपेज रेशियो: 60.72%
  • दिसंबर 2024 में स्टॉपेज रेशियो: 82.73%
  • जनवरी 2025 में स्टॉपेज रेशियो: 109%

5paisa के अनुसार, जनवरी 2025 में नए SIP रजिस्ट्रेशन की तुलना में बंद होने वाले SIP की संख्या अधिक रही, जो निवेशकों की घटती रुचि को दर्शाता है।

स्टॉपेज रेशियो क्या है?

स्टॉपेज रेशियो उस प्रतिशत को दर्शाता है, जो यह बताता है कि नए SIP रजिस्ट्रेशन की तुलना में कितने SIP बंद हो रहे हैं। जनवरी 2025 में 109% स्टॉपेज रेशियो का अर्थ है कि नए SIP की तुलना में अधिक SIP बंद हुए।

SIP से मोहभंग के कारण

  1. बाजार में अस्थिरता: शेयर बाजार में हालिया उतार-चढ़ाव ने निवेशकों में असुरक्षा की भावना बढ़ाई है।
  2. रिटर्न में गिरावट: कई निवेशकों को अपेक्षित रिटर्न नहीं मिल पा रहा है, जिससे उनका विश्वास कम हो रहा है।
  3. महंगाई और आर्थिक दबाव: बढ़ती महंगाई और आर्थिक अनिश्चितताओं ने लोगों को अपनी वित्तीय प्राथमिकताओं पर पुनर्विचार करने पर मजबूर किया है।

भारतीयों और अर्थव्यवस्था पर प्रभाव

SIP स्टॉपेज रेशियो में वृद्धि का सीधा असर भारतीय निवेशकों और अर्थव्यवस्था पर पड़ सकता है:

  1. निवेशकों का मनोबल: SIP बंद करने की बढ़ती संख्या निवेशकों के मनोबल को प्रभावित कर सकती है, जिससे वे अन्य निवेश विकल्पों की ओर रुख कर सकते हैं।
  2. म्यूचुअल फंड उद्योग पर प्रभाव: SIP बंद होने से म्यूचुअल फंड्स की परिसंपत्तियों में कमी आ सकती है, जिससे उनकी प्रबंधन क्षमता प्रभावित हो सकती है।
  3. बाजार की तरलता पर असर: SIP निवेश में कमी से शेयर बाजार में तरलता घट सकती है, जिससे बाजार की अस्थिरता बढ़ सकती है।

आगे का रास्ता

  1. निवेशकों को जागरूक करना: SIP के दीर्घकालिक लाभों को समझाने के लिए वित्तीय सलाहकारों और म्यूचुअल फंड कंपनियों को सक्रिय होना होगा।
  2. जोखिम प्रबंधन: निवेशकों को अपने जोखिम प्रोफाइल के अनुसार पोर्टफोलियो में विविधता लानी चाहिए।
  3. आर्थिक स्थिरता: सरकार और वित्तीय संस्थानों को आर्थिक स्थिरता और निवेश के माहौल को अनुकूल बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाने होंगे।

SIP से संबंधित बदलते रुझान यह संकेत देते हैं कि निवेशकों का विश्वास आर्थिक परिस्थितियों और बाजार की अस्थिरता पर निर्भर करता है। ऐसे में, SIP कंपनियों और निवेशकों दोनों को सोच-समझकर और सूझबूझ के साथ कदम उठाने की आवश्यकता है।

क्या आप भी SIP में निवेश कर रहे हैं? आपके अनुभव कैसे रहे हैं? हमें कमेंट्स में बताएं।

By Jitendra Singh Yadav

जितेंद्र सिंह यादव वरिष्ठ पत्रकार, आरटीआई कार्यकर्ता और राजनीतिक विश्लेषक 15+ वर्षों का पत्रकारिता अनुभव, यूनाइटेड न्यूज ऑफ इंडिया (UNI) से जुड़े। स्वतंत्र विश्लेषक, राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय राजनीति पर गहरी पकड़। Save Journalism Foundation व इंदौर वर्किंग जर्नलिस्ट्स यूनियन के संस्थापक। Indore Varta यूट्यूब चैनल और NewsO2.com से जुड़े। 📌 निष्पक्ष पत्रकारिता व सामाजिक सरोकारों के लिए समर्पित।

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