स्थविर मुनि पद-प्रतिष्ठा एवं जैनेश्वरी दीक्षा समारोह भव्यतापूर्वक संपन्न: ब्र. मुकेश भैया बने मुनि श्री विलक्ष्य सागर जी महाराज
इंदौर/ झांसी 11 अक्टूबर 2024(न्यूजओ2 डॉट कॉम)/7724038126। उत्तर प्रदेश के झांसी जिले के दीनदयाल सभागार में आयोजित भव्य जैनेश्वरी दीक्षा समारोह में आचार्य श्री विशद सागर जी महाराज ने दिल्ली निवासी ब्रह्मचारी मुकेश भैया को नवीन जैनेश्वरी दीक्षा प्रदान की।
इस अवसर पर नगर के सैंकड़ों श्रद्धालु और दीक्षार्थी मुकेश भैया के परिजन एवं निकट संबंधी इस भावपूर्ण क्षण के साक्षी बने। समारोह के दौरान संघस्थ मुनि श्री विशाल सागर जी को “स्थविर मुनि” पद की प्रतिष्ठा भी प्रदान की गई।
जैनेश्वरी दीक्षा समारोह से पूर्व भव्य शोभायात्रा का आयोजन किया गया, जो श्री चंद्रप्रभु जिनालय से आरंभ हुई। इस शोभायात्रा में आचार्य श्री विशद सागर जी के सान्निध्य में दीक्षार्थी मुकेश भैया जी और उनके माता-पिता पुष्पा और राजेंद्र बड़जात्या प्रथम बग्गी में विराजमान थे। शोभायात्रा में बग्गियों और घोड़ों पर मुख्य पात्र बैठे थे, जबकि सैकड़ों श्रद्धालु बैंड और नगाड़ों की मंगल ध्वनि पर भक्ति-पूर्वक नृत्य कर रहे थे। यात्रा जहां-जहां से गुजरी, वहां-वहां का वातावरण पूरी तरह धर्ममय हो गया, और इसे देखने के लिए बड़ी भीड़ उमड़ पड़ी।
समारोह का शुभारंभ राजीव जैन सिर्स द्वारा ध्वजारोहण और मुकेश भैया के परिजनों द्वारा आचार्य विराग सागर जी के चित्र अनावरण और दीप प्रज्वलन के साथ किया गया। इस अवसर पर चंद्रप्रभु जिनालय पाठशाला की नन्हीं बालिकाओं और बहुमंडल ग्रुप ने मंगलाचरण प्रस्तुत किया।
पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य ने समारोह की अध्यक्षता करते हुए कहा कि यह उनके लिए अद्भुत पल है कि वे इस पुण्य अवसर का साक्षी बने। उन्होंने कहा कि इस आयोजन से झांसी की धरती पावन हो गई है।
आचार्य विशद सागर जी ने दीक्षा की क्रियाएं संपन्न करवाईं और कहा कि आज जब दीक्षार्थी के प्रथम केशलोंच किए गए, तो उनके चेहरे पर पूर्ण साता के भाव थे। इस कठिन क्रिया में वे तनिक भी विचलित नहीं हुए। उन्होंने कहा कि मुकेश भैया जी मुनिपद की गरिमा अक्षुण्य रखकर मोक्ष मार्ग प्रशस्त करेंगे।
समारोह में देर शाम समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद और कृभको के अध्यक्ष डॉ. चंद्रपाल सिंह यादव भी पहुंचे और इस दीक्षा समारोह के साक्षी बने। मुकेश भैया के दिल्ली से आए दामाद सन्नी जैन ने बताया कि मुकेश भैया ने पारिवारिक जिम्मेदारियां पूरी करने के बाद, लगभग तीन वर्ष पूर्व घर छोड़ दिया था। बेटियों और पुत्र के विवाह उपरांत ही उन्होंने यह निर्णय लिया।