31 जुलाई 2024
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कांग्रेस ने ‘विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव’ लाने का नोटिस किया है। पीएम के खिलाफ इस नोटिस का कारण भाजपा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर का लोकसभा में दिया गया भाषण है इस भाषण में उन्होंने राहुल गांधी का नाम लिए बगैर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। आरोप है कि संसद की कार्यवाही से ठाकुर की इस आपत्तिजनक टिप्पणी को हटा लिया गया था। बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट साझा करते हुए अनुराग ठाकुर की विवादित टिप्पणी के विडियो को सार्वजनिक किया। साथ ही इस विवादित और सदन की कार्यवाही से हटाई गई टिप्पणी पर पीएम ने अनुराग ठाकुर की पीठ भी थपथपाई है।
कांग्रेस पार्टी के मुताबिक आज बुधवार यानी 31 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव ‘Breach of Privilege Motion’ पेश करने का नोटिस दिया है। PM मोदी के खिलाफ ये प्रस्ताव BJP सांसद अनुराग ठाकुर का भाषण शेयर करने के कारण पेश किया गया है। दरअसल प्रस्ताव या ये कहे शिकायत पंजाब के पूर्व सीएम और कांग्रेस सांसद चरणजीत सिंह चन्नी ने प्रेषित किया है।
ठाकुर ने क्या कहा था सदन में ?
अनुराग ठाकुर ने लोकसभा में बजट पर चर्चा के दौरान एक टिप्पणी करते हुए कहा था “जिसकी जाति का पता नहीं है, वो गणना की बात करता है।” हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर से भाजपा सांसद ठाकुर की इस टिप्पणी पर सदन में हंगामा मच गया था। जिसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ने टिप्पणी के विवादित अंश को सदन की कार्यवाही में से हटा दिए जाने का कहा था।
विपक्ष ने दिखाया थे तेवर
नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने ठाकुर की लोकसभा में की गई इस टिप्पणी को अपना अपमान बताया था। उनके अलावा हंगामे के बीच कन्नौज से लोकसभा सांसद और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने भी हस्तक्षेप किया था। अखिलेश ने आक्रामक तेवर दिखाते हुए कहा था कि अनुराग ठाकुर मंत्री रहे हैं, लेकिन वे उनसे सिर्फ इतना कहना चाहते हैं कि उन्होंने जाति कैसे पूछ ली, वो जाति कैसे पूछ सकते हैं? अनुराग ठाकुर ने सफाई में कहा था कि उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया!
पीएम ने हटाए गए अंश को किया सार्वजनिक !
आरोप है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 जुलाई को लोकसभा में दी गई BJP सांसद अनुराग ठाकुर की स्पीच X पर शेयर की है। PM ने स्पीच का अंश शेयर करते हुए लिखा, मेरे युवा और ऊर्जावान सहयोगी अनुराग ठाकुर का ये भाषण जरूर सुना जाना चाहिए. तथ्यों और व्यंग्य का सबसे सही मिश्रण है, ‘INDI’ गठबंधन की गंदी राजनीति को उजागर करता है.”
क्या कहा कांग्रेस ने…..
इंडिया गठबंधन की अगुवाई कर रही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने इस पूरे मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ये भारत के संसदीय इतिहास में एक ‘नई और शर्मनाक गिरावट’ है। उन्होंने ये भी कहा कि ये गहरी जड़ें जमा चुके ‘BJP-RSS और नरेंद्र मोदी के जातिवाद’ को दिखाता है। वहीं लोकसभा स्पीकर को लिखे खत में चरणजीत सिंह चन्नी की ओर से लिखा गया है कि सदन की कार्यवाही से हटाए गए शब्दों या अभिव्यक्ति का प्रकाशन विशेषाधिकार हनन है। खत में लिखा गया है कि लोकसभा की कार्यवाही से हटाई गई टिप्पणियों को ट्वीट कर PM ने ‘विशेषाधिकार हनन’ और ‘सदन की अवमानना’ की है।
क्या होता है Privilege Motion ?
- जब भी संसद/राज्य विधानमंडल के सदस्यों द्वारा व्यक्तिगत या सामूहिक रूप से प्राप्त किसी भी अधिकार या उन्मुक्ति का उल्लंघन या अवहेलना की जाती है, तो इसे विशेषाधिकार हनन के रूप में संदर्भित किया जाता है।
- विशेषाधिकार के उल्लंघन को अपराध की संज्ञा दी जाती है और यह संसदीय नियम पुस्तिका में उल्लिखित विभिन्न कानूनों के तहत दंडनीय है।
- विशेषाधिकार का यह उल्लंघन एक नोटिस जारी करके व्यक्त किया जाता है जिसे सदन के सदस्य द्वारा विशेषाधिकार प्रस्ताव (Privilege Motion Hindi me) के रूप में पेश किया जा सकता है, जिसके विशेषाधिकार की अवहेलना की जा रही है।
- विशेषाधिकार प्रस्ताव (Privilege Motion In Hindi) लोकसभा और राज्य सभा दोनों सदनों के सदस्यों के लिए लागू होता है और यदि कोई सदस्य किसी अन्य सदस्य या सदस्यों को इसका उल्लंघन करता हुआ देखता है तो वे आरोपी सदस्यों के खिलाफ प्रीविलेज मोशन (Privilege Motion Hindi me) पेश कर सकते हैं।