मोदी सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका, एक प्रेस संस्था newsclick के फाउंडर प्रबीर पुरकायस्थ की गिरफ्तारी गैर कानूनी
8 माह से अधिक पुरकायस्थ को अवैध तरह से जेल में रखा
सर्वोच्च न्यायालय के इस फैसले से निष्पक्ष पत्रकारिता को मिलेगा बल
इंदौर / नई दिल्ली
देश के सर्वोच्च न्यायालय (SUPREME COURT) ने केंद्र की नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार को एक बड़ा झटका दिया है। सर्वोच्च न्यायालय की युगल पीठ जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता ने newsclick फाउंडर प्रबीर पुरकायस्थ की गिरफ्तारी को अवैधानिक करार दिया है।
पुरकायस्थ ने कोर्ट को बताया था कि उन्हें गिरफ्तारी के लिखित में कारण नहीं बताए गए। कोर्ट ने माना कि प्रबीर पुरकायस्थ की गिरफ्तारी और रिमांड में कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया। कोर्ट ने इस गिरफ्तारी को गैर कानूनी और संविधान के मूलभूत अधिकारों आर्टिकल 21 और 22 का उल्लंघन करार दिया। कोर्ट ने कहा कि पुरकायस्थ को तत्काल रिहा किया जाये चूंकि चालान पेश हो चुका है तो उन्हें बॉन्ड भरने के बाद रिहा करना होगा।
उल्लेखनीय है प्रबीर पुरकायस्थ को 3 अक्टूबर 2023 को अल सुबह ग़ैर-क़ानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA – Unlawful Activites Prevention Act) तहत गिरफ्तार किया था। उन पर चीन से टेरर फंडिंग के आरोप लगे थे। पुरकायस्थ की इस तरह गिरफ्तारी और newsclick से जुड़े तमाम पत्रकारों से उस समय की गई पूछताछ ने देश के तमाम निष्पक्ष पत्रकारों को आतंकित किया था। सुप्रीम कोर्ट ने माना कि पुरकायस्थ की गिरफ्तारी में कानून का पालन नहीं किया। कोर्ट ने प्रबीर पुरकायस्थ की गिरफ्तारी को गैर कानूनी करार दिया है। कोर्ट के इस फैसले से तमाम निष्पक्ष और तथस्थ पत्रकारों के हौंसले को बल मिलेगा।
टेरर फंडिंग के आरोपों में हुई थी पुरकायस्थ की गिरफ्तारी
एफआईआर के अनुसार, पुरकायस्थ पर आरोप है कि उन्होंने अवैध रूप से विदेशी फंड में करोड़ों रुपये प्राप्त किए और इसका इस्तेमाल “भारत की संप्रभुता, एकता और सुरक्षा को बाधित करने” के इरादे से किया। एफआईआर में दावा किया गया है कि भारतीय और विदेशी दोनों संस्थाओं द्वारा अवैध रूप से बड़ी मात्रा में विदेशी धन भारत में भेजा गया था।