इंदौर, 14 जून 2024

सुप्रीम कोर्ट ने आज मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के उस फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया, जिसमें केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को 169 suitable नर्सिंग कॉलेजों की फिर से जांच करने का आदेश दिया गया था, जिन पर कथित तौर पर धोखाधड़ी से चलने का आरोप है । सीबीआई ने पहले सभी कॉलेजों को क्लीन चिट दे दी थी, लेकिन जस्टिस पीवी संजय कुमार और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की खंडपीठ इससे संतुष्ट नहीं हुई। इसने पाया कि हर कोई यह दिखाने के लिए इच्छुक था कि ये नर्सिंग कॉलेज बिल्कुल सामान्य रूप से काम कर रहे थे ।

 न्यायमूर्ति कुमार ने अपीलकर्ता कॉलेजों की ओर से पेश वकीलों से मौखिक रूप से कहा, “ऐसा लगता है कि आप सभी ने यह दिखावा करने की कोशिश की कि सब कुछ सामान्य रूप से चल रहा है।” 30 मई को, हाई कोर्ट ने सीबीआई द्वारा फिर से जांच करने का आदेश दिया था, जब मूल याचिकाकर्ताओं में से एक, लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन ने सीबीआई के कुछ अधिकारियों द्वारा अनुकूल रिपोर्ट पारित करने के लिए संदिग्ध कॉलेजों से कथित रिश्वत लेने के संबंध में अदालत का दरवाजा खटखटाया था। फरवरी में, सीबीआई ने 169 नर्सिंग कॉलेजों को क्लीन चिट दे दी थी ।

ये कहा था हाई कोर्ट ने

 रिश्वत के मामले का संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट ने निर्देश दिया था कि सीबीआई टीम में एक न्यायिक अधिकारी भी शामिल होगा, जो संबंधित जिलों के जिला न्यायालय का रजिस्ट्रार होगा, जहां निरीक्षण किया जाना है। यह भी कहा था कि जांच के दौरान जरूरत पड़ने पर वीडियोग्राफी भी की जा सकती है और जांच 3 महीने के भीतर पूरी की जानी चाहिए। इसके बाद नर्सिंग कॉलेजों ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

By Jitendra Singh Yadav

जितेंद्र सिंह यादव वरिष्ठ पत्रकार, आरटीआई कार्यकर्ता और राजनीतिक विश्लेषक 15+ वर्षों का पत्रकारिता अनुभव, यूनाइटेड न्यूज ऑफ इंडिया (UNI) से जुड़े। स्वतंत्र विश्लेषक, राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय राजनीति पर गहरी पकड़। Save Journalism Foundation व इंदौर वर्किंग जर्नलिस्ट्स यूनियन के संस्थापक। Indore Varta यूट्यूब चैनल और NewsO2.com से जुड़े। 📌 निष्पक्ष पत्रकारिता व सामाजिक सरोकारों के लिए समर्पित।