मध्य प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से दर्ज जनहित याचिकाओं में प्रशासनिक अनियमितताओं और जवाबदेही की कमी के गंभीर आरोप सामने आए हैं। उच्च न्यायालय ने नागरिक शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करते हुए संबंधित विभागों व अधिकारियों से जांच के निष्कर्ष और कार्रवाई का ब्यौरा प्रस्तुत करने का आदेश जारी किया है। इस दिशा में पुलिस, भूमि अंतरण एवं सुरक्षा व्यवस्था से जुड़े मामलों में विभागीय जांच की गंभीरता पर जोर दिया गया है।
ट्रेक्टर जब्ती मामला (सिंगरौली):
सिंगरौली पुलिस अधीक्षक मनीष खत्री ने हाईकोर्ट में जवाब देते हुए बताया कि चितरंगी में पदस्थ एसडीओपी आशीष जैन के खिलाफ विभागीय जांच कराने की सिफारिश राज्य सरकार से की गई है। कृषक परमेश्वर जायसवाल द्वारा दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि 22 सितंबर 2024 को एसडीओपी के अधीन कार्यरत पुलिस कर्मचारी ने जबरदस्ती उसका ट्रेक्टर जब्त कर लिया। न्यायाधीश विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने पुलिस अधीक्षक को 30 जून तक जांच का ब्यौरा प्रस्तुत करने एवं याचिकाकर्ता को उसका ट्रेक्टर सौंपने का आदेश दिया।
आदिवासी भूमि ट्रांसफर मामला (बुरहानपुर):
बुरहानपुर के धुलकोट तहसील के ग्राम बोरी के निवासी मोनू चौहान द्वारा दायर जनहित याचिका में आरोप है कि अफसरों की मिलीभगत से आदिवासियों की जमीनें अवैध रूप से सामान्य वर्ग के नाम पर ट्रांसफर की जा रही हैं। उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार समेत संबंधित पक्षों को नोटिस जारी करते हुए अगली सुनवाई 15 अप्रैल को तय की है, ताकि मामले की सच्चाई सामने आ सके और दोषियों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जा सके।
संजय गांधी थर्मल सुरक्षा मामला (उमरिया):
उमरिया जिले में स्थित संजय गांधी थर्मल पॉवर स्टेशन की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी गंभीर आरोप लगे हैं। पूर्व सैनिक नरेंद्र सिंह सेंगर द्वारा दायर जनहित याचिका में बताया गया है कि सुरक्षा अधिकारी राकेश कुमार भार्गव द्वारा अनियमितताएं एवं अन्य गतिविधियों में छुपे विवादास्पद तरीके से काम लिया जा रहा है। मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए उच्च न्यायालय ने संबंधित अधिकारियों को जवाब प्रस्तुत करने का आदेश दिया है और अगली सुनवाई 1 अप्रैल को निर्धारित की गई है।
इन तीनों मामलों में हाईकोर्ट का आदेश प्रशासनिक पारदर्शिता व जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में एक ठोस कदम है, जिससे भविष्य में इस प्रकार की अनियमितताओं को रोका जा सके और पीड़ित नागरिकों को न्याय मिल सके।