इंदौर, 06 जनवरी 2025,(न्यूजओ2 डॉट कॉम)/7724038126: मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने आज यूनियन कार्बाइड के कचरा निष्पादन की विभिन्न याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई की और 6 बिन्दुओं का आदेश जारी किया। इस मामले में अगली सुनवाई 18 फरवरी 2025 को मुकर्र की गई है।
मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत और न्यायाधीश विवेक जैन की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान राज्य शासन को 6 हफ्ते का समय दिया और कहा कि कचरे के निष्पादन की प्रक्रिया के लिए बीती 3 दिसंबर 2024 के आदेश का पालन किया जाये।
यह हुआ कोर्ट में
आज हुई सुनवाई में मध्य प्रदेश शासन ने बीती 3 दिसंबर 2024 के हाई कोर्ट के आदेश के आलोक में एक एफ़िडेविट प्रस्तुत किया जिसमें हाई कोर्ट को अवगत कराया गया कि 1 जनवरी की रात, कचरे को 12 अग्नि रोधक और रिसाव निरोधी कंटेनरों में लोड कर लंबी दूरी के ट्रकों से ग्रीन कॉरीडोर बनाकर भेजा गया। जिसमें पुलिस और प्रशासन का सहयोग लिया गया। इनमें डॉक्टर्स, फायर ब्रिगेड स्टाफ और कुशल लेबर की टीम साथ थी। साथ ही यह परिवहन सेंट्रल पोल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के दिशा निर्देशों के अनुरूप किया गया।
शासन ने अपने हलफनामे में यह भी कहा कि कुछ कथित मीडिया रिपोर्ट्स में पीथमपुर में कचरा निष्पादन से पर्यावरण को नुकसान और एक ओधोयोगिक आपदा फिर से घटित होने जैसी फर्जी खबरें प्रकाशित की गई हैं। जिससे लोगों में डर का वातावरण पैदा हो गया है, और लोग आक्रोशित हो गए हैं। शासन ने कोर्ट को अवगत कराते हुए प्रार्थना की है कि उन्होने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि पीथमपुर की जनता को विश्वास में लें और जन जागरण करें ताकि वे भ्रामक खबरों से बच सकें। इस प्रक्रिया में थोड़ा समय लगेगा।
अन्य याचिकाओं की भी सुनवाई
इंदौर के डॉक्टर्स की तरफ से दायर एक अन्य रिट पिटीशन 41965/2024 और अन्य हस्तक्षेप याचिकायेँ भी दायर की गई हैं जिनकी सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने अपने लिखित आदेश में शासन को आदेशित किया कि सभी सुरक्षा मानकों का पालन करें और 3 दिसंबर 2024 के ऑर्डर का अनुपालन करें।
आपको बता दें कि आखिर शासन अदालत को भरोसा दिलाने में कामयाब हो गया है लिहाजा कोर्ट ने प्रिंट और इलेक्ट्रोनिक मीडिया को भी निर्देशित किया कि वे बिना किसी आधार के फेक न्यूज नहीं चलाएं। न्यूजओ2 यहाँ सवाल उठाता है कि आखिर शासन फेक न्यूज के खिलाफ कार्यवाही क्यों नहीं कर रहा ?
शासन ने कोर्ट से कंटेनरों को अनलोड करने की अनुमति मांगी जिसमें युगल पीठ ने कहा कि उन्हें कचरा जलाने की पूर्व अनुमति है लिहाजा उन्हें अलग से अनुमति की जरूरत नहीं है। शासन कचरे को अनलोड करे और जलाए तथा 3 दिसंबर 2024 के कोर्ट के ऑर्डर का पालन करे।
कोर्ट ने अंतिम बिन्दु में शासन को 6 हफ्ते का समय दिया है, जिससे वह 3 दिसंबर के ऑर्डर का पालन कर सके।