बगैर जमीन मालिक की जानकारी के बाले बाले हो गई दस रजिस्ट्रियाँ

रजिस्ट्रार पर उठे गंभीर सवाल

मामले को मैनेज करने की जारी है कवायद

इंदौर

मध्य प्रदेश के इंदौर से सटे धर्मपुरी में कृषि भूमि क्रय-विक्रय में हुए एक अनौखे घोटाले का मामला सामने आया है। सूत्रों की माने तो 10 ऐसी रजिस्ट्रियाँ कर दी गई जिसकी भनक न वास्तविक भूमिमालिक को लगी और न ही स्थानीय प्रशासन को लगी है। मामले में सवाल ये खड़े हो रहे हैं कि आखिर ये रजिस्ट्री करने वाले रजिस्ट्रार ने क्या देखा और क्या परखा है ? मामले की कलई तब खुली जब जमीन मालिकों को इसकी खबर लगी। करोड़ों रु से ठगाये इन ज़मीनों के खरीददार अब दबे पाँव मामले को मैनेज करने में जुट गए हैं। बीते 15 दिनों से इन दस रजिस्ट्रियों को निरस्त करवाए जाने की कवायद की जा रही है।

एक लाइन में कहें तो हुआ कुछ यूं कि Y नामक सज्जन की जमीन बाले- बाले Z नामक सज्जन को बेंच दी गई। हैरत में डालने वाली बात ये है कि जिस X नामक व्यक्ति ने यह रजिस्ट्रियाँ बतौर विक्रेता बेंची हैं, उसे उसके द्वारा जमीन बेंचे जाने की खबर तक नहीं है। newso2 मामले में पुख्ता पड़ताल होते ही उजागर करेगा।

By Neha Jain

नेहा जैन मध्यप्रदेश की जानी-मानी पत्रकार है। समाचार एजेंसी यूएनआई, हिंदुस्तान टाइम्स में लंबे समय सेवाएं दी है। सुश्री जैन इंदौर से प्रकाशित दैनिक पीपुल्स समाचार की संपादक रही है। इनकी कोविड-19 महामारी के दौरान की गई रिपोर्ट को देश और दुनिया ने सराहा। अपनी बेबाकी और तीखे सवालों के लिए वे विख्यात है।