सुमतिधाम में पट्टाचार्य महोत्सव का दूसरा दिन श्रद्धा और भक्ति में डूबा
इंदौर, 28 अप्रैल। सुमतिधाम, गोधा एस्टेट में चल रहे छह दिवसीय पट्टाचार्य महोत्सव के दूसरे दिन श्रद्धा, भक्ति और तप की अनुपम छटा देखने को मिली। भीषण गर्मी और 40 डिग्री तापमान भी देश-विदेश से आए हजारों श्रद्धालुओं की गुरू भक्ति को डिगा नहीं सका।
देशना मंडप में प्रवचन देते हुए आचार्यश्री विशुद्ध सागर महाराज ने कहा कि जैसे ऋतुएं अपना स्वभाव नहीं छोड़तीं, वैसे ही जीवन में गुरू भक्ति को भी कभी नहीं छोड़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि गुरू के प्रति श्रद्धा होने पर ही ज्ञान की प्राप्ति संभव है। वस्तुओं की विशालता वस्तु में नहीं, दृष्टि में होती है।
महोत्सव के दौरान आचार्य विशुद्ध सागर महाराज के साथ 12 आचार्य, 8 उपाध्याय, 140 दिगंबर मुनि, 9 गणिनी आर्यिकाएं, 123 आर्यिका माताएं, तथा 105 ऐलक, क्षुल्लक एवं क्षुल्लिकाएं विराजमान रहे। 360 चौकों में शुद्धि युक्त आहारचर्या संपन्न हुई। आचार्यश्री की आहारचर्या का सौभाग्य प्रभा देवी गोधा एवं मनीष-सपना गोधा परिवार को प्राप्त हुआ।
धूप में तपते मुनियों ने भक्ति का दिया उदाहरण
मुनि श्री श्रुसत सागर और विमल सागर महाराज ने चिलचिलाती धूप में साधना कर श्रद्धालुओं को आत्मचिंतन का संदेश दिया। तपती सड़क पर नंगे पांव चलते हुए गुरू और शिष्य की अद्भुत श्रद्धा का दृश्य उपस्थित हुआ।
लेजर लाईट शो और महाआरती बने आकर्षण का केंद्र
रात्रि में आयोजित लेजर लाईट शो में जैन धर्म के सिद्धांतों, तीर्थों और आदर्शों को आधुनिक तकनीक से प्रदर्शित किया गया। भगवान आदिनाथ की गाथा को भी नाट्य रूप में प्रस्तुत किया गया, जिसने श्रद्धालुओं का मन मोह लिया। महाआरती भी विशेष आकर्षण का केंद्र रही।
विशेष कार्यक्रमों की श्रृंखला जारी
मंगलवार, 29 अप्रैल को आचार्यश्री के सान्निध्य में शास्त्र प्रदर्शनी का उद्घाटन किया जाएगा। इसके बाद रात्रि में भजन संध्या एवं प्रोजेक्शन मैपिंग का आयोजन होगा।
मुख्य आकर्षण:
28 राज्यों व विदेशों से आए श्रद्धालु।
388 संतों व आर्यिकाओं की उपस्थिति।
विरागोदय तीर्थ की प्रतिकृति बनी आकर्षण का केंद्र।
कठिन आहारचर्या के 360 चौके।
संस्कार, भक्ति व आधुनिक प्रस्तुति का सुंदर संगम।