2383 हायर सेकेंडरी स्कूलों में इस वर्ष शुरू की गई व्यावसायिक शिक्षा
इंदौर, 28 फरवरी 2025 – राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत इस वर्ष प्रदेश में 3 लाख विद्यार्थियों को व्यावसायिक शिक्षा देकर उनका कौशल उन्नयन किया गया है। इस शैक्षणिक सत्र में प्रदेश के 2,383 हायर सेकेंडरी स्कूलों में व्यावसायिक शिक्षा की शुरुआत की गई है।
रोजगार उन्मुख शिक्षा पर जोर
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा दिया गया है। नीति में इस बात पर विशेष ध्यान दिया गया है कि बदलती वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत की भागीदारी को कैसे मजबूत किया जाए। बढ़ती आबादी के साथ-साथ लोगों की शिक्षा, कौशल और रोजगार के अवसरों को विकसित करना एक बड़ी चुनौती है। इसी को ध्यान में रखते हुए स्कूल शिक्षा विभाग ने विद्यार्थियों को उनकी रुचि के अनुसार आधुनिक व्यावसायिक शिक्षा देने की व्यवस्था की है। इसके लिए विभिन्न स्कूलों में नए ट्रेड शुरू किए गए हैं और प्रशिक्षकों की सेवाएं भी ली जा रही हैं।
शैक्षणिक गुणवत्ता सुधार के लिए शिक्षकों का प्रशिक्षण
प्रदेश में सरकारी स्कूलों की शैक्षणिक गुणवत्ता को बेहतर बनाने के उद्देश्य से इस वर्ष 40,000 से अधिक शिक्षकों को विभिन्न विषयों का प्रशिक्षण दिया गया है। इसके लिए मास्टर ट्रेनर्स को भी तैयार किया गया है, जो शिक्षकों को उन्नत शिक्षण तकनीकों से अवगत करा रहे हैं।
ड्रॉप-आउट दर कम करने के प्रयास
सरकारी स्कूलों में कक्षा 5वीं से 6वीं, 8वीं से 9वीं और 10वीं से 11वीं में प्रवेश के दौरान कई विद्यार्थी स्कूल बदलते हैं। इस दौरान कुछ विद्यार्थी आगे की कक्षा में प्रवेश ही नहीं ले पाते, जिससे ड्रॉप-आउट दर बढ़ने की आशंका रहती है। इसे रोकने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग विशेष प्रयास कर रहा है।
विद्यालयों के प्रधानाध्यापक और प्राचार्य विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों से चर्चा कर निकटतम विद्यालयों में प्रवेश सुनिश्चित करने का कार्य कर रहे हैं। साथ ही, जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने जिलों में ड्रॉप-आउट दर को कम करने के लिए विशेष प्रयास करें।