इंदौर, 27 सितंबर 2024 (न्यूजओ2 डॉट कॉम)/7724038126। मध्य प्रदेश में तथाकथित व्यापम घोटाले का 2013 में खुलासा हुआ था, जिसने न केवल देश अपितु  दुनिया में सुर्खियां बनाई थी। इस घोटाले से कई गंभीर सवाल उठे थे जिनका समाधान आज तक नहीं मिल सका है कि इस करप्ट सिस्टम ने कितने एमबीबीएस डॉक्टर्स तैयार कर दिये। कितने लोग प्रैक्टिस कर रहे और जो पात्र विध्यार्थी थे उनका हक़ मारा है। इसके अतिरिक्त ऐसे कई डॉक्टर्स के सिस्टम में शामिल होने का अंदेशा है जो अपात्र होकर रिश्वत देकर कॉलेज में प्रवेश लेकर प्रैक्टिस कर रहे हैं। ये सवाल आज भी अनुत्तरित हैं। हालांकि पुलिस ने अपनी जांच में कई छात्रों को आरोपी बनाया था। इस घोटाले से जुड़े तीन दर्जन से अधिक लोगों की संदिग्ध मौत भी हो चुकी है लेकिन गंभीर सवाल अभी भी अनुत्तरित हैं।  अब एक नया सवाल उभर कर सामने आया है, इंदौर पुलिस द्वारा घोटाले का 20 जून 2013 को जो खुलासा हुआ था वह एक गुमनाम पत्र के आधार पर किया गया था। अब वो पत्र और पत्र लिखने वाला शख्स दोनों गुमनाम हैं। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश शासन और सीबीआई को नोटिस देकर जवाब मांगा है।

By Neha Jain

नेहा जैन मध्यप्रदेश की जानी-मानी पत्रकार है। समाचार एजेंसी यूएनआई, हिंदुस्तान टाइम्स में लंबे समय सेवाएं दी है। सुश्री जैन इंदौर से प्रकाशित दैनिक पीपुल्स समाचार की संपादक रही है। इनकी कोविड-19 महामारी के दौरान की गई रिपोर्ट को देश और दुनिया ने सराहा। अपनी बेबाकी और तीखे सवालों के लिए वे विख्यात है।