8 अगस्त 2024
लोकसभा में आज बक्फ बोर्ड संसोधन बिल 2024 पेश किया गया है जिसका विपक्षी दलों ने विरोध किया है। इसी बीच समाजवादी प्रमुख और यूपी के कन्नोज से सांसद अखिलेश यादव ने भी बिल का विरोध करते हुए लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला पर भी तंज़ कस गए। यादव ने कहा , “आप सदन के न्यायधीश हैं। हमें जानकारी लगी है कि इस लॉबी में आपके भी कुछ अधिकार छीने जा रहे हैं। इसलिए हम लोगों को आपके लिए लड़ना पड़ेगा। हमें आपके अधिकारों की रक्षा करनी पड़ेगी।” इस पर तत्काल केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हस्तक्षेप करते हुए यादव पर पलटवार करते हुए कहा कि अध्यक्ष के अधिकार सिर्फ विपक्ष के नहीं हैं, पूरे सदन के हैं। आप इस तरह की गोल मोल बातें नहीं कर सकते हो। आप नहीं हो अध्यक्ष के अधिकार के संरक्षक। शाह की बात को आगे बढ़ाते हुए लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने अखिलेश और अन्य विपक्षी नेताओं को नसीहत देते हुए कहा कि आसन पर, संसद की आंतरिक व्यवस्था पर व्यक्तिगत टिप्पणियाँ नहीं करना चाहिए। ये मेरी सदन से अपेक्षा है कि वरिष्ठ सदस्य मानेंगे।
सोची समझी राजनीति के तहत संसोधन हो रहा है– अखिलेश यादव
अखिलेश यादव ने बिल का सदन में विरोध करते हुए इसे सोची समझी साजिश बताया। उन्होने कहा कि बक्फ बोर्ड में लोकतान्त्रिक तरीके से चुने जाने की पहले से प्रक्रिया है तो उसे नोमिनेट क्यों किया जा रहा है? धार्मिक निकायों में उनमें कोई गैर बिरादरी का नहीं आता है। बक्फ बोर्ड में गैर मुस्लिम को नियुक्त करने क्या मतलब है ? एक कलेक्टर को पावर दे देंगे तो इतिहास अच्छा नहीं रहा है। कुछ उदाहरण है, नाम नहीं लेना चाह रहा हूँ लेकिन सच्चाई ये है कि भाजपा हताश, निराश चंद लोगों के तुष्टीकरण के लिए ये बिल लाने का काम कर रही है।”
*लोकसभा में वक्फ बोर्ड संसोधन बिल 2024 पेश, विपक्ष ने जताया विरोध*