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गर्मी में क्रूरता सहने को क्यों मजबूर है बेज़ुबान…?

इंदौर

मध्य प्रदेश के इंदौर सहित अधिकांश जिलों में दिन का तापमान 44 डिग्री से अधिक बना हुआ है। बावजूद इसके न तो राजकीय एनिमल वेल्फेयर विभाग ने और न ही स्थानीय कलेक्टर और जिला दंडाधिकारी ने मूक प्राणियों और बच्चों को राहत दिये जाने की दिशा में कोई आदेश जारी किए हैं। दरअसल स्कूल की भले ही अवकाश चल रहे हों लेकिन कई शिक्षण संस्थान बच्चों की भरी दोपहर में क्लास ले रहे हैं।

37 डिग्री तापमान भी मूक प्राणियों के लिए है प्रतिकूल

इसी तरह महज 37 डिग्री से अधिक तापमान मूक प्राणियों के लिए प्रतिकूल बताया गया है। हर वर्ष अप्रैल माह में जिला कलेक्टर और दंडाधिकारी बैल गाड़ी, घोडा गाड़ी और अन्य सभी प्रकार से जानवरों के उपयोग को दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक प्रतिबंधित करते रहे हैं लेकिन इस बार कलेक्टर ने इस दिशा में अब तक कोई आदेश जारी नहीं किया है। अब जबकि आज रोहणी (नौ तपा) का दूसरा दिन है। हीट वेव जारी है लेकिन आचार संहिता तक की कथित व्यवस्था का हवाला देते हुए अब तक राहत नहीं दी गई है।

क्या कहा जिम्मेदारों ने ?

कई बार कर चुके हैं फरियाद – पीएफए

पीपुल्स फॉर एनिमल्स इंदौर इकाई की अध्यक्ष सुश्री प्रियान्शु जैन ने बताया कि वे अप्रैल माह से ही लगातार कलेक्टर से लिखित और मौखिक आग्रह कर रहे हैं लेकिन न तो कलेक्टर आशीष सिंह फोन उठाते हैं और न ही ईमेल- मैसेज और शिकायतों पर संतोषजनक जवाब नहीं दे रहे हैं, ये चिंता का विषय है कि इन दिनों मूक प्राणियों में हीट वेव की वजह से अस्वस्थता के मामले सामने आ रहे हैं, ऐसे में जरूरी है कि मूक प्राणियों का किसी भी तरह से व्यावसायिक उपयोग पूर्णत: प्रतिबंधित किया जाये।

By Neha Jain

नेहा जैन मध्यप्रदेश की जानी-मानी पत्रकार है। समाचार एजेंसी यूएनआई, हिंदुस्तान टाइम्स में लंबे समय सेवाएं दी है। सुश्री जैन इंदौर से प्रकाशित दैनिक पीपुल्स समाचार की संपादक रही है। इनकी कोविड-19 महामारी के दौरान की गई रिपोर्ट को देश और दुनिया ने सराहा। अपनी बेबाकी और तीखे सवालों के लिए वे विख्यात है।